गाजियाबाद
कृषि कानूनों राकेश टिकैत के आंसुओं ने इसमें नई जान भर दी है। आंदोलन और मजबूती से उठ खड़ा हुआ है। दिल्ली-यूपी सीमा पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों का साफ कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक घर वापस नहीं लौटेंगे। इस बीच मिल रहे भारी समर्थन को देखते हुए आंदोलन का चेहरा बन चुके राकेश टिकैत का अंदाज भी बदला-बदला सा नजर आ रहा है। मंगलवार को इसकी एक झलक देखने को मिली।
सडक़ पर बैठकर खाया खाना, ‘अक्खड़ अंदाज’ की सोशल मीडिया पर चर्चा
दरअसल मंगलवार दोपहर को राकेश टिकैत मीडिया से बातचीत के बाद खाना खाने चले गए। टिकैत ने जानबूझकर धारा 144 लगी होने की सूचना देते पुलिस के बैरिकेड्स के नीचे बैठकर खाना खाया। कुछ मीडियाकर्मियों ने उनसे कहा भी कि उस पर चेतावनी लिखी है, इस पर टिकैत ने कहा कि यहीं तो बैठकर खाना है। टिकैत का यह बदला हुआ अंदाज सोशल मीडिया पर लोगों का खासा ध्यान खींच रहा है।
टिकैत का आरोप, रोटीबंदी करने की तैयारी में सरकार
टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार आंदोलनस्थलों की किलेबंदी के बाद ‘रोटीबंदी’ करने की तैयारी में है। इसी के विरोध में हमने रोटी खाकर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार खाने को तिजोरी में बंद करना चाहती है, इसलिए हम सडक़ पर बैठकर खाना खा रहे हैं।
टिकैत का ऐलान, अक्टूबर तक चलेगा आंदोलन
राकेश टिकैत ने इस दौरान कहा कि हम देश के कानून का सम्मान करते हैं, मगर हमारी लड़ाई अक्टूबर महीने तक चलेगी। टिकैत ने कहा, ‘हमारा नारा है- ‘कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं’…हमने सरकार को बता दिया है कि यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी।’
पुलिस ने खड़ी कीं बैरिकेडिंग और कंक्रीट की परतें
बता दें कि किसी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए धरनास्?थलों को पूरी तरह आइसोलेट कर दिया गया है। उनके आस-पास कई लेयर की बैरिकेडिंग करके ऊपर कंटीली तारें बिछा दी गई हैं। सडक़ पर टायर किलर्स लगाए गए हैं। इसके अलावा भारी तादाद में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात है। टिकैत ने कहा कि दिल्?ली पुलिस ऐसा किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए कर रही है।