जमशेदपुर, 30 सितंबर (रिपोर्टर) : राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सरकार को कुछ ही दिन का मेहमान बताया. कहा कि जैसे ही ‘लिफाफा’ खुलेगा, उनकी कुर्सी चली जाएगी. वे आज काशीडीह दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन करने शहर आये थे और गोलमुरी के एक होटल में पत्रकारों से बात कर रहे थे. श्री मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अगर कुछ गड़बड़ी नहीं किये होते तो उन्हें और उनके कुनबे को परिणाम जानने की ‘धुकधुकी’ नही लगी रहती. अपने गलत कार्यों पर पर्दा डालने के लिए ही वे कभी विधायकों के साथ नौका विहार करते हैं तो कभी उन्हें लेकर रायपुर की सैर में चले जाते हैं. कहा कि इस 32 माह की सरकार ने विकास के तो कोई कार्य नही किये, बल्कि बिचौलियों के सिरमौर जरूर बन बैठा.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन का नजदीकी संबंध दलाल व बिचौलिए किस्म के लोगों से है, जिसका खुलासा ईडी की छापेमारी में हो चुकी है. चाहे अवैध पत्थर खनन हो, शराब का टेंडर हो या फिर गंगा नदी में अवैध रूप से जहाज चलाने का मामला हो, सभी मे सीएम के करीबी ही शामिल थे. ईडी की रिपोर्ट में सिर्फ साहेबगंज से ही 1000 करोड़ का घोटाला सामने आ चुका है.
जेएमएम के स्पीकर लटकाना चाहते हैं मामला
श्री मरांडी ने कहा कि विधानसभा के स्पीकर जेएमएम के हैं तभी तो भाजपा में जेवीएम के विलय का मामला अटका पड़ा है. जबकि यह पूरा घटनाक्रम नियम अनुसार हुआ. यही नहीं, उन्होंने बतौर भाजपा सदस्य के रूप में ही राज्यसभा चुनाव में मतदान किया.
बाबूलाल मरांडी ने कुड़मी विरोध पर कहा कि आंदोलन करने का अधिकार सभी को है, अब यह जायज है या नहीं, इसका आकलन वे नहीं कर सकते. बताया कि वे मुख्यमंत्री रहते हुए स्थानीयता के लिए अंतिम सर्वे को ही राज्य में मान्य किया था. इसके लिए बकायदा सर्वदलीय बैठक हुई थी, जिसमें यह तय किया गया था कि बिहार ने वर्ष 1928 में अलग राज्य होने पर जो फार्मूला अपनाया था, उसे ही झारखंड भी अंगीकार करेगा. बाद में कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया, इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर अध्ययन कर ही लागू करना चाहिए.