कोलकाता: राजनीति छोड़ने का एलान कर चुके बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो को मनाने की कोशिशें हो रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, कैलाश विजयवर्गीय और दिलीष घोष से बातचीत करने को कहा गया है. शनिवार को बाबुल सुप्रियो ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा था कि वो राजनीति छोड़ रहे है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल में मंत्री पद से हटाये जाने के कुछ दिनों बाद बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को कहा कि वह एक सांसद के रूप में इस्तीफा दे देंगे. सुप्रियो ने संकेत दिया कि यह निर्णय आंशिक रूप से उन्होंने मंत्री पद जाने और बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के नेतृत्व के साथ मतभेदों की वजह से लिया.
सुप्रियो जिन्होंने 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में कई विभागों को संभाला था, को इस महीने की शुरुआत में एक बड़े मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान हटा दिया गया था.
बाबुल सुप्रियो ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘जा रहा हूं अलविदा. अपने माता-पिता, पत्नी, दोस्तों से बात की और उनकी सलाह सुनने के बाद मैं कह रहा हूं कि मैं जा रहा हूं. मैं किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूं – तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, माकपा, कहीं नहीं. मैं पुष्टि कर रहा हूं कि किसी ने मुझे फोन नहीं किया है.’’
आसनसोल से दो बार के सांसद सुप्रियो उन कई मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें सात जुलाई को एक बड़े फेरबदल के तहत केंद्रीय मंत्रिपरिषद् से हटा दिया गया था. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अरूप बिस्वास के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
सुप्रियो और देबाश्री चौधरी दोनों को मंत्री पद से हटा दिया गया था. पश्चिम बंगाल के चार अन्य सांसदों- निशित प्रमाणिक, शांतनु ठाकुर, सुभाष सरकार और जॉन बारला को मंत्रिपरिषद् में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया.