News 11 चैनल संचालक अरूप चटर्जी गिरफ्तार,पैसे वसूली का आरोप,धनबाद के एक व्यवसायी की शिकायत पर हुई कार्रवाई, धनबाद पुलिस की टीम ने किया गिरफ्तार

रांची के एक निजी न्यूज संचालक को देर रात धनबाद पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी रांची स्थित कांके रोड के एक अपार्टमेंट से गई। धनबाद के गोविंदपुर के एक व्यवसायी ने निजी न्यूज संचालक अरूप चटर्जी के खिलाफ 26 जून को वहां के थाना में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अरूप चटर्जी को गिरफ्तार किया है।व्यवसायी राकेश कुमार द्वारा 26 जून को इस संबंध में धनबाद के गोविंदपुर थाना में कंप्लेन दर्ज कराई गई थी। कंप्लेन में उन्होंने साफ कहा कि न्यूज चैनल के मालिक अरूप चटर्जी द्वारा उनसे पैसे की मांग की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि न्यूज चैनल के मालिक ने उनसे 6 लाख रुपये भी वसूले हैं। इसका वीडियो भी उनके पास है।
शिकायतकर्ता ने कहा कि यदि उनकी शिकायत पर उचित एक्शन नहीं लिया गया तो वह अपना व्यापार बंद कर धनबाद से बाहर चले जाएंगे। साथ ही उन्होंने आशंका भी व्यक्त की कि मामला दर्ज कराने के बाद असामाजिक तत्वों का सहारा लेकर उन पर हमला भी कराया जा सकता है।

इस मामले में धनबाद जिले के गोविंदपुर में केस नंबर 233/22 दर्ज किया गया है। इसकी जांच के आधार पर अरूप चटर्जी को राजधानी रांची के गोंदा थाना के कांके रोड में चांदनी चौक स्थित अपार्टमेंट से शनिवार की देर रात गिरफ्तार किया गया है।
शिकायतकर्ता ने अपने कंप्लेन में यह भी लिखा है कि अरूप चटर्जी के खिलाफ झारखंड सहित विभिन्न राज्यों में दर्जनों आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
देर रात रांची पहुंची धनबाद पुलिस

जानकारी के मुताबिक, वारंट जारी होने के बाद धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने डीएसपी अमर कुमार पांडे के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. पुलिस की टीम शनिवार देर रात अरूप चटर्जी के चांदनी चौक स्थित अपार्टमेंट पहुंची. धनबाद पुलिस की टीम ने गोंदा थाना पुलिस की मदद से अपार्टमेंट में छापेमारी कर अरूप चटर्जी को गिरफ्तार किया.
27 जून को दर्ज हुआ था मामला
जानकारी के मुताबिक, बीते 27 जून को धनबाद के गोविंदपुर थाने में अरूप चटर्जी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता ने केस दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि अरूप चटर्जी ने अपने रिपोर्टर के माध्यम से ब्लैकमेल कर 11 लाख रुपयों की मांग की थी. पैसा लेने के बाद भी उसने झूठी खबर चलायी और फिर अधिक पैसे की मांग की गयी. पैसा नहीं देने पर बर्बाद करने की धमकी दी गयी.

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