एनजीटी मामले में पहली बार बोले अर्जुन मुंडा, समझ न आये तो एक नहीं दो- तीन बार मेरा पत्र पढ लें डा अजय

जमशेदपुर, 1 सितंबर (रिपोर्टर) : नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एनजीटी) द्वारा भुइयांडीह के दो बस्तियों को तोडऩे का नोटिस जारी करने के लिये पूर्व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के पत्र को आधार बतानेवाले पूर्व सांसद सह कांग्रेसी नेता डा. अजय कुमार के आरोपों पर श्री मुंडा ने कहा कि दरअसल डा. अजय ‘इंटेलेक्चुअल डिसऑनेस्टी’ व्यक्ति हैं. पिछले कुछ दिनों से कि डा. अजय लगातार से इस मुद्दे पर अर्जुन मुंडा व विधायक सरयू राय पर हमलावर हैं. हालांकि आज का संवाददाता सम्मेलन घोषणा पत्र सुझाव अभियान पर आयोजित था, इसके बावजूद पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर श्री मुंडा ंने उक्त प्रतिक्रिया व्यक्त की.
वे आज गोलमुरी स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता के बाद संवाददाताओं द्वारा पूछे गये सवाल पर जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम डा. अजय से यह बात पूछी जानी चाहिए कि क्या उन्होंने वह पत्र पढ़ा है, जो एनजीटी को लिखा गया है. अगर एकबार में समझ में न आए, तो तीन-चार बार पढऩा चाहिये. उसके बाद उनसे सवाल करना चाहिए कि क्या वे पत्र में जो बातें लिखी गई है उसके अनुसार या अपने मन से या फिर राजनीति चमकाने के लिये ये सवाल खड़ा कर रहे हैं. श्री मुंडा ने कहा कि आज पूरे देश में पर्यावरण की समस्या है. इन दिनों दलमा रेंज में जो गतिविधियां चल रही है, उसकी रोकथाम के लिये यह पत्र लिखी गई थी. आज न सिर्फ जमीन का स्वरुप बदल रहा है, बल्कि वन्यजीव तथा वहां रहनेवाले जनजातीय लोगों को इकोलॉजी में भी बदलाव हो रहा है. मैंने जो पत्र एनजीटी को लिखा था, उसमें इन बातों का उल्लेख किया गया है. उक्त पत्र में कहीं भी शहरी क्षेत्र का उल्लेख नहीं है.

नौकरी नहीं मौत बांट रही है सरकार
राज्य में बहाली के दौरान युवाओं की हो रही मौत के मामले में श्री मुंडा ने कहा कि राज्य सरकार को युवाओं की परवाह नहीं है. सरकार रोजगार देने के नाम पर दिखावा कर रही है. इतनी जल्दबादी के बजाय सरकार को बेहतर नीति के साथ बहाली शुरु करनी चाहिये.

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