स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बोकारो जिला फेल :आकांक्षी जिला समीक्षा

पीएममोदी देश के तेजी से विकास के लिए कटिबद्ध: अर्जुन मुंडा

वन अधिकार कानून को कड़ाई से लागू करना राज्यों की जिम्मेदारी

Bokaro,18 Apr: आकांक्षी जिलों में विकास योजना की समीक्षा के क्रम में बोकारो पहुंचे केंद्रीय जनजाति मामले के मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि पीएम मोदी चाहते हैं कि पिछड़े जिलों का विकास तेजी से हो. इसलिए सकारात्मक सोच के साथ पिछले शब्द के स्थान पर आकांक्षी जिलों में बुक झारखंड के 19 एवं देश के 153 जिलों को शामिल किया गया है. प्रधानमंत्री विकास को लेकर चिंतित हैं.नीति आयोग एवं जिला प्रशासन द्वारा रिपोर्ट दी गयी है लेकिन समीक्षा कर वास्तविक स्थिति का आकलन के लिए केंद्रीय मंत्रियों को सभी जिलों में भेजा जा रहा है जिसके तहत उनका बोकारो आना हुआ है। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों में शिक्षा एवं चिकित्सा के साथ-साथ 16 बिंदुओं पर काम तेजी से होना है. जिला प्रशासन के साथ बैठक कर समीक्षा की गई है.स्वयं सहायता समूह के मामले में बोकारो जिला बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में पूरी तरह फेल है .शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धि 26% तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपलब्धि 30% है जो निराशाजनक है .उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना केंद्र की जिम्मेवारी है लेकिन शिक्षकों की बहाली करना राज्य की जिम्मेदारी है जिसमें राज्य सरकार पूरी तरह विफल है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वन अधिकार को धरातल पर उतारने के लिए केंद्र सरकार गंभीर एवं कटिबद्ध है. इसके लिए अलग से विभाग का एवं मंत्रालय का गठन किया गया है लेकिन अनुपालन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है .उन्होंने कहा कि 1927 में अंग्रेजों द्वारा जो कानून बनाया गया एवं 1953 में भी जो कानून बना उनमे आदिवासियों को अर्थात जंगल में रहने वालों को हितों की उपेक्षा की गई .1980 में पुनः कानून जरूर बना लेकिन उसका अनुपालन के प्रति सरकार गंभीर नहीं रही जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने अलग मंत्रालय का गठन किया है. आदिम जनजाति के कल्याण के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बिरहोर समेत अन्य आदिम जनजातियों के कल्याण के लिए अलग से टीम काम कर रही है एवं उन्हें हक व अधिकार दिया जा रहा है. लेकिन केंद्र सरकार जितना काम कर रही है राज्य सरकार को भी सहयोग करने की जरूरत है. राज्य सरकारों द्वारा वास्तविक आंकड़ा उपलब्ध कराने की जरूरत है. कुछ राज्य इस दिशा में बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन झारखंड समेत कई राज्य इस दिशा में उदासीन बने हुए हैं जिसके कारण आदिम जनजातियों को जो सम्मान एवं हक मिलना चाहिए था वह हक नहीं मिल रहा है. पत्रकार सम्मेलन में सांसद पशुपतिनाथ सिंह,विधायक एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर कुमार बावरी, पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल ,बोकारो जिला अध्यक्ष भारत यादव ,इस कार्यक्रम के प्रभारी मनोज बाजपेई ,मीडिया प्रभारी विनय आनंद आदि उपस्थित थे.

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