नई दिल्ली,14 जून।केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज जनजातीय कार्य मंत्रालय की नौ साल की उपलब्धियों पर नई दिल्ली में इंटरनेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकारों को श्री मुंडा ने कहा कि हमारी नीति का मूल एक समग्र दृष्टिकोण के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल आदि जैसे क्षेत्रों में मानव संसाधन के रूप में जनजातियों का विकास है। इसे ध्यान में रखते हुए जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा कई परिवर्तन किए गए हैं। श्री मुंडा ने प्रेस कांफ्रेस मेंकहा कि 202& के बजट में सरकार ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के विकास पर एक मिशन की घोषणा की। लगभग 28 लाख पीवीटीजी आबादी वाले 22,544 गांवों को योजना के तहत बुनियादी सेवाओं की पूर्ति के लिए चिन्हित किया गया है। अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत 202&-24 से 2025-26 के दौरान मिशन के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय बजट 202&-24 में 15000 करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की गई है।
विगत 12 जून को देश के 18 रा’यों से 75 पीवीटीजी समुदायों के 1500 प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें संसद के सेंट्रल हॉल में संबोधित किया।यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम था।
मंत्रालय ने प्रत्येक पीवीटीजी समुदाय के लिए 1 नोडल अधिकारी नियुक्त किया है और वे उनके आवासों/बस्तियों में जा रहे हैं और उनकी आवश्यकताओं को समझने के लिए क्षेत्र में रह रहे हैं।
केंद्रीय बजट 202&-24 में ‘सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ की घोषणा की गई है। वर्ष 2047 तक ‘सिकल सेल एनीमिया’ को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएगा।
श्री मुंडा ने कहा कि अगले तीन वर्षों में, &.5 लाख आदिवासी छात्रों वाले 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए &8,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की केंद्रीय रूप से भर्ती की जाएगी।
श्रीमुंडा ने कहा कि मंत्रालय 5 छात्रवृत्ति योजनाओं को क्रियान्वित करता है जिसके तहत 2500 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक बजट के साथ प्रत्येक वर्ष &0 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। डीबीटी जनजातीय पोर्टल और डीबीटी भारत पोर्टल के साथ रा’य के मैट्रिक-पूर्व और मैट्रिकोत्तर योजनाओं के एकीकरण के परिणामस्वरूप पेपर आधारित यूसी से डेटा आधारित निगरानी में बड़ा बदवाल आया है और छात्रवृत्ति जारी करने के समय में काफी कमी आई है।
पिछले 9 वर्षों में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित किए गए हैं और हर साल औसतन &0 लाख छात्र इन योजनाओं से
लाभान्वित होते हैं।
प्रधान मंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना, जिसका उद्देश्य 500 से अधिक आदिवासी आबादी वाले &6,428 गांवों और 50त्न या अधिक अनुसूचित जनजाति के लोगों का एकीकृत विकास करना है। ये गाँव 458 जिलों, 2&61 ब्लॉकों और 24775 ग्राम पंचायतों में स्थित हैं, जिसमें &&2 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और 1.02 करोड़ परिवार तथा 4.2 करोड़ की अनूसचित जनजाति
आबादी शामिल है।पीएमएएजीवाई के तहत 4242 गांव उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से हैं। कार्यक्रम के तहत 5 वर्षों के लिए 7400 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं और लगभग 2000 करोड़ रुपये की राशि
रा’यों को पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
पिछले 9 वर्षों में, जनजातीय आबादी के संबंध में शिक्षा, आजीविका और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 200 गैर सरकारी संगठनों को लगभग 250 परियोजनाओं के लिए 900 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।