ज़िला प्रशासन की उदासीनता के कारण घटी घटना।
प्रेम महतो के परिजनों से मिले पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा दी।श्रद्धांजलि
झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा बुधवार को अपने सहयोगियों के साथ प्रेम महतो के नावाडी प्रखंड के धोआ टार।स्थित आवास पर पहुंचे एवं श्राद्ध कर्म में शामिल होते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया.पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रेम महतो की मौत के लिए
बोकारो जिला प्रशासन तथा राज्य की हेमंत सरकार को जिम्मेवार ठहराया. उन्होंने कहा कि बोकारो स्टील के प्रशासनिक भवन के समक्ष तीन अप्रैल को हुए लाठी चार्ज में
प्रेम कुमार महतो की मृत्यु हो गई थी। एक मेधावी छात्र जिसने बंगलौर से बी .टेक की डिग्री प्राप्त की,उसका इस तरह की घटना में मौत काफी दुखद है। यह उनके परिवार की क्षति नहीं है बल्कि राष्ट्र की भी क्षति है, क्योंकि ये हमारे देश के भविष्य थे.श्री मुंडा ने कहा कि
साथ ही यह घटना प्रशासन पर भी कई सवाल खड़े करती है।विस्थापित छात्र जब बोकारो स्टील प्लांट में आंदोलन कर रहे थे तब प्रशासन मूकदर्शक बनकर क्यों खड़ा था. आखिर किसी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति उस स्थल के लिए क्यों नहीं हुई थी और अगर हुई भी थी तो वो कहां थे? प्रशासन की संवेदनशीलता कहां दिखती है?
उन्होंने कहा कि
परिजनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासन के तरफ से उन्हें न अभी तक मुआवजे की राशि मिली है न ही नियोजन की कोई ठोस पहल अब तक की गई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
ऐसी घटना पर अब चुप रहना संभव नहीं है।
श्री मुंडा ने कहा कि 36 घंटे तक बोकारो स्टील प्लांट का सभी गेट बोकारो। की विधायक श्वेता सिंह द्वारा बंद कर दिया गया लेकिन उक्त मामले से संबंधित जितने भी प्राथमिकी दर्ज की गई है उसमें कहीं भी बोकारो विधायक श्वेता सिंह के नाम का उल्लेख नहीं है जबकि श्वेता सिंह।
ने सार्वजनिक रूप से कहा था। कि प्रशासन का 10% सहयोग और मिल गया रहता तो बोकारो स्टील प्लांट को बंद करने में उन्हें सफलता मिल जाती. जब। स्थिति बिगड़ गई तब जाकर बी एनएस की धारा 163 तहत निषेधज्ञा लागू की गई तथा बोकारो विधायक को हिरासत में लिया गया लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने एवं प्रतिबंधित स्थान पर धरना देने के बावजूद उनका नाम किसी भी प्राथमिकी में नहीं है जो इस बात को संकेत देता है कि सारा खेल हेमंत सरकार के निर्देश पर हुआ है. इसके साथ ही श्री मुंडा ने बंगाल में घटित घटना को ममता सरकार के लिए चुनौती बताते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाने की साजिश की जा रही है .
मुस्लिम समाज के हित में बनाए गए कानून के सम्बन्ध में अफवाह फैलाई जा रही है कि यह कानून उनके विरोध में है। झारखंड में भी बिल्कुल। यही स्थिति है झारखंड के मंत्री यह कह रहे हैं की शरियत पहले तथा संविधान बाद में है। यमन सरकार को ऐसे मंत्रियों से परहेज करते हुए। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए राँची के सिरम टोली। की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी संस्कृति संस्कृति एवं परंपरा पर हमला हो रहा है जो दुखद है भाजपा इसमामले में आदिवासी समाज के साथ है.