जमशेदपुर : टाटा स्टील डाउनस्ट्रीम प्रोडक्ट लिमिटेड (टीएसडीपीएल) में ठेका मजदूरों के स्थायीकरण अब मार्च नही अप्रैल के मध्य में होने की संभावना है। इनकी संख्या करीब 100 के भीतर है। हालांकि प्रबंधन के अनुसार आकलन जारी है। प्रबंधन-यूनियन के बीच स्थायीकरण के लिए बनी सहमति व कंपनी की ओर से जारी नोटिस के बाद स्किल एसेसमेंट का काम जारी है। इसके साथ ही मार्च तक प्रबंधन स्थायीकरण से कंपनी पर पड़ने वाले वित्तीय खर्च का एसेसमेंट कर लेगी। इसी आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। बीते दिनों स्थायीकरण को लेकर कंपनी प्रबंधन की ओर से सर्कुलर निकाला गया था। जिसमें कम से कम तीन साल लगातार कंपनी में काम करने, कंपनी की आचार संहिता का पालन करने, किसी प्रकार की कारवाई नहीं होने आदि को प्रमुखता देने को कहा गया था।इसके साथ ही आवेदन देने वाले ठेका मजदूरों की पहले लिखित परीक्षा होगी फिर उनकी मौखिक जांच परीक्षा होनी है।
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पूर्व में भी हुआ है स्थायीकरण
कंपनी प्रबंधन व यूनियन के बीच 23 मार्च 1998 और 24 जनवरी 2003 के समझौते के आधार पर स्थायीकरण किया जाता है। स्थायीकरण को लेकर 2014 में 500 ठेका मजदूरों ने लिखित और मौखिक परीक्षा दी थी, इसके आधार पर 52 मजदूरों को स्थायी किया गया था। टीएसडीपीएल में ही ठेका मजदूर सीधे स्थायी हुए है। 2006 में 80 ठेका मजदूरों को स्थायी किया गया था। वरीयता, काम करने की दक्षता व अनुभव को देखते हुए मजदूरों को स्थायी किया गया था। उसके बाद 2008 में 72 ठेका मजदूरों का स्थायीकरण हुआ था। इधर कंपनी की मान्यता प्राप्त टीएसडीपीएल इम्पलाइज यूनियन ने भी स्थायीकरण को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाए हुए है। यूनियन अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने ठेका मजदूरों के हित में आवाज बुलंद की है तथा उनकी स्थायीकरण की बात कही है।