राज्य के पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने संवाददाता सम्मेलन में हार के जो कारण गिनाए उससे उनकी झुंझलाहट व निराशा ही दिख रही थी. जिसतरह वे ‘हाथी के कान’ पर सवार थे, उन्हें इस तरह के परिणाम की कतई आशा नहीं थी. जिस वीडियो को वे गलत नेरेटिव सेट करने का आधार बता रहे हैं और आज जिस प्रकार अपने घर में टीवी पर पूरा वीडियो दिखाया, उसे पूरे चुनाव प्रचार में भी वे दिखा सकते थे ताकि तथाकथित नेरेटिव नहीं बन सके. दरअसल एंटी इनकंबेंसी, व्यापारियों खासकर मारवाड़ी कारोबारियों में व्याप्त उनका भय और मुस्लिम मतदाताओं में भी उत्साह की कमी ने उन्हें पीछे धकेल दिया. मतगणना के पहले राउंड से ही लगातार पिछड़ते रहे और ‘फिक्ड डिपोजिट’ माने जानेवाले मुस्लिम इलाके में भी उस तरह की वोटिंग नहीं होने के कारण पुल के इस पार के गैप को वे पाट नहीं पाए. 2019 के चुनाव परिणाम से वे सबक ली होती तो शायद यह स्थिति पैदा नहीं होती. 2019 में जनता ने जैसे पूर्वी में बदलाव किया वैसा ही बदलाव जमशेदपुर पश्चिम में भी देखने को मिला.
माना जा रहा है कि एडिटेड वीडियो का स्पष्टीकरण नहीं जारी करना उनकी मजबूरी थी कि मुस्लिम समुदाय नाराज न हो जाए. सलाहकारों को लगा कि इसका फायदा आजादनगर आदि क्षेत्रों में उन्हें मिलेगा, मगर इसबार वे ‘एंटी इनकंबेंसी’ का शिकार हो गये.
मुस्लिम मतदाताओं ने बढ़ चढक़र मतदान में हिस्सा नहीं लिया. आम तौर पर मुस्लिम क्षेत्रों में औसत मतदान से अधिक वोट पड़ते हैं, मगर आजाद बस्ती क्षेत्र में करीब 55 प्रतिशत ही वोट पड़े. सोनारी, कदमा में भी उनके द्वारा किये गये कुछ कार्यों को लेकर भारी नाराजगी थी. व्यापारी वर्ग का भी उन्हें समर्थन नहीं मिला. पहले राउंड से ही वे लगातार पिछड़ते चले गये. सोनारी में ही सरयू राय करीब 16 हजार मतों की बढ़त ले ली थी. साल 2019 में सोनारी क्षेत्र में कोई भाजपा को 6 हजार की बढ़त मिली थी. बताया जा रहा है कि इसबार सोनारी ने हार जीत का फासला तय कर दिया था.
ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में उनकी छवि बिगाडऩे के लिये वर्तमान विधायक सरयू राय व उनकी टीम ने एक वीडियो को एडिट कर प्रसारित किया. उन्होंने धार्मिक ध्रुवीकरण का षड्यंत्र कर छल कर चुनाव जीता. आज वे अपने केडी फ्लैट आवास में पत्रकार वार्ता कर रहे थे.
श्री गुप्ता ने कहा कि अपने विधायक कार्यकाल में उन्होंने पश्चिम विधानसभा में लगभग 1300-1400 करोड़ रु. की योजना का शुभारंभ कराया, जिसमें मानगो फ्लाई ओवर, साकची में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, मानगो में नया एमजीएम अस्पताल, मानगो अंतर्राज्यीय बस अड्डा आदि है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि न तो उनके विकास कार्यों का ठीक से प्रचार हुआ और न ही विपक्ष द्वारा फैलाये गये दुष्प्रचार को रोकने की दिशा में कोई पहल की गई. क्योंकि उन्होंने विपक्ष के इस हथकंडे को गंभीरता से नहीं लिया. आधी-अधूरी वीडियो काटकर उसे वायरल किया गया, यह एक गंभीर साजिश थी, जिसमें तोड़ मरोडक़र उ्रकी बातें रखी गई. उनकी नजर में आज भी