साहित्यकार एवं सेवा निवृत शिक्षिका अनिता निधि को अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम ने “साहित्य रत्न” सम्मान से अलंकृत किया । बाबा नगरी देवघर के नन्दन पहाड़ स्थित सेवाधाम में कवि डॉक्टर बुद्धिनाथ मिश्र जी की अध्यक्षता में बाबा बैद्यनाथ का काव्याभिषेक के अंतर्गत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। अनिता निधि टाटा स्टील के शिक्षा विभाग के आर डी टाटा हाई स्कूल एवं कदमा गर्ल्स हाई स्कूल की शिक्षिका रह चुकी हैं।
अनिता निधि साहित्यिक गतिविधियो में सक्रिय रहती हैं। जमशेदपुर के कई साहित्यिक संगठनों यथा “नव पल्लव,सहयोग,अखिल भारतीय साहित्य परिषद” आदि से वे जुड़ी हुई हैं। इनके लेख ,आलेख, कहानियाँ एवं कविताएँ आदि विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं तथा आकाशवाणी से भी प्रसारण होते रहते हैं।
इस अवसर पर कवि डॉक्टर बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि कविता केवल मनोरंजन का साधन नहीं है बल्कि यह एक साधना है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के विषम परिस्थिति में भी आप सभी इतने लोग यहाँ उपस्थित हुए,,,सचमुच आप सभी कोरोना योद्धा हैं तथा यह नगरी तो मृत्युन्जय की नगरी है।
इस अवसर पर कुछ पुस्तकों यथा “काव्य सागर, शब्द मुसाफिर, कोरोना काल, रूदाली, अनामिका” आदि का लोकार्पण भी किया गया। इन पुस्तकों में देश भर के कई रचनाकारों की रचनाएं सम्मिलित हैं। अनिता निधि की रचनाएं “कोरोना काल” में संग्रहित हैं। साहित्योदय के संस्थापक पंकज प्रियम ने सभी को बधाई दी।
अनिता निधि अपनी इस उपलब्धि से बहुत अभिभूत हैं तथा इसका श्रेय वे अपने माता पिता और मित्रों को देती हैं।