जमशेदपुर, 10 जनवरी (रिपोर्टर) : बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात का एहसास हो रहा है कि राज्य की वर्तमान सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी तथा कुछ ही दिनों में यह सरकार गिर जाएगी. क्योंकि इस सरकार से न तो जनता खुश है और न ही गठबंधन में शामिल दलों के नेता और मंत्री. गठबंधन दल के कई नेता-मंत्रियों को लग रहा है कि अगर इसी दल के टिकट से इसके बाद के चुनाव ेमें जनता के पास जाते हैं तो वे जीत नहीं पाएंगे. इसलिये वे दल बदलना चाहते हैं और सरकार गिरने का यही कारण भी होगा. वे आज स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
श्री सिंह ने कहा कि सरकार गिरते ही भाजपा अपना जवाबदेही तय करेगी और सबसे बड़ा दल होने के नाते अपना दावा पेश करेगी. भाजपा ने इस राज्य को विकास के पथ पर ले जाने का जो संकल्प लिया है, उसी राह पर फिर भाजपा इस राज्य को ले जाएगी. आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार गत भाजपा सरकार द्वारा की गई उपलब्धियों को ध्वस्त करने पर तुली है. एक साल के दौरान विशेष कोई उपलब्धि नहीं रहने के बावजूद सरकार ने जश्न मनाया, जो हास्यास्पद है. संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय श्रीवास्तव, राजन सिंह, राजेश सिंह बम आदि मौजूद थे.
झारखंड राज्य भाजपा की देन
मंत्री श्री सिंह ने दोहराया कि झारखंड अलग राज्य भाजपा की देन है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने वृहद झारखंड की मांग रखी थी, जिसमें बिहार, उड़ीसा तथा मध्यप्रदेश के भी कुछ राज्यों को शामिल करना था. लेकिन भाजपा ने छोटानागपुर और संथाल परगना को अलग कर राज्य बनाने की ठानी थी, जिसे केन्द्र की कुर्सी संभालते ही अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरा किया. इसका खाका वर्ष 1988 में ही जमशेदपुर में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में तय हो गया था, जिसमें स्वयं श्री वाजयेपी मौजूद थे.
दो-तीन वर्षों में सृजित होंगे 20 लाख रोजगार
बिहार में लगेंगे कृषि आधारित उद्योग
कृषि सह गन्ना उद्योग मंत्री एपी सिंह ने कहा कि बिहार अब औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है. सरकार कृषि आधारित उद्योग पर अधिक फोकस कर रही है. इसलिये आगामी दो-तीन वर्षों में 20 लाख रोजगार सृजित करने का निर्णय लिया गया है. वर्तमान में 33 गन्ना मिल में से 11 ही चालू हालत में है. विभाग ने आगामी माह तक और 9 मिल पुन: चालू करने का लक्ष्य तय किया है. ऐसी व्यवस्था हो रही है कि उत्तर प्रदेश के बाद बिहार सर्वाधिक चीनी उत्पादक राज्य बन जाएगा. वर्तमान में चीन उत्पादन में यूपी के बाद महाराष्ट्र दूसरे तथा कर्नाटक तीसरे स्थान पर है.बिहार का स्थान चौथा है, लेकिन बिहार ने 7 मैट्रिक टन (वर्तमान उत्पादन) से बढ़ाकर 25 मैट्रिक टन चीनी पैदावर करने का इरादा किया है. राज्य के प्रखंड स्तर तक स्मार्ट भवन बनाया जा रहा है. दो वर्षों में 8 हजार पंचायत भवनों में ई-किसान भवन बनाया जाएगा. किसानों की सहूलियत के लिये अलग बिजली फीडर लगाया जा रहा है. 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. यह बिजली दर घरेलू बिजली से भी सस्ता होगी.