केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नगालैंड में सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी 14 लोगों की मौत की घटना पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि इसकी विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है तथा सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में ऐसे किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। नगालैंड की घटना पर लोकसभा और फिर राज्यसभा में अपने बयान में अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार नगालैंड की घटना पर अत्यंत खेद प्रकट करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है। गृह मंत्री ने कहा कि सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय इस तरह की किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। उन्होंने कहा कि सेना ने इस घटना की उच्चतम स्तर पर जांच शुरू कर दी है। कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
4 दिसंबर को नगालैंड के ओटिंग में सेना चरमपंथियों के खिलाफ एक ऑपरेशन को अंजाम दे रही थी। सेना ने एक गाड़ी को रुकने का इशारा किया, कमांडोज को शक था कि इसमें चरमपंथी हैं। 21 कमांडोज ने फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में 7 की मौत हो गई। घटना के विरोध में लोगों ने कमांडोज को घेर लिया और गाड़ियों में आगजनी करने लगे। एक जवान की मौत हो गई। भीड़ को संभालने के लिए की गई फायरिंग में 7 लोग और मारे गए।
सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठाई
सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी है। इसकी अगुवाई मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी को सौंपी गई है। सेना के सूत्रों के मुताबिक, यह अधिकारी नॉर्थईस्ट सेक्टर में तैनात हैं। वहीं, नगालैंड CM नीफियू रियो और मेघालय CM कोनराड के सांग्मा ने गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि राज्यों से AFSPA कानून हटाया जाए। खास बात यह है कि नगालैंड CM नीफियू रियो डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नगालैंड पार्टी से हैं, जो भाजपा से गठबंधन करके बनी है।