अमित शाह। नाम लेते ही एक जो छवि आपके समक्ष उभरती है, वह एक बेहद कठोर प्रशासक, सियासी तौर पर रचे-बसे चाणक्य और एक ऐसे गृहमंत्री की, जो सामने वाले की बोलती बंद कर देता हो। लेकिन, आज आपको हम एक ऐसे अमित शाह से मिलवा रहे हैं, जो इन सबके एकदम अलग है। ये वह अमित शाह हैं, जो अपने बेटे के लिए पिता, पोते और पोतियों के लिए परफेक्ट बाबा हैं जो पहले खुद ही अपनी चार माह की पोती को पवित्र जल हाथों में लेकर थोड़ा-थोड़ा उसके ललाट पर लगाते हैं और फिर ब्राह्मणों से आग्रह कर तिलक लगवाते हैं।
आम तौर पर अमित शाह की छवि इससे भिन्न है। उन्हें वैदिक रीति-रिवाज से पूजा करना आता है और यह उन्होंने सोमवार की संध्या प्रयागराज के संगमघाट पर दिखाया। उन्होंने संकल्प में शुद्ध मंत्रोच्चार किया और कहना न होगा कि जो यह निरंतर अभ्यास में कर पाते हैं, वही शुद्ध मंत्रोंच्चार भी कर पाते हैं।
अमित शाह सोमवार को अपने पूरे परिवार के साथ संगम तट पर पहुंचे थे। उनके साथ उनकी पत्नी, बेटा जय शाह, जय शाह के बच्चे, जय शाह की धर्मपत्नी….सभी थे।
अमित शाह ने अपनी बड़ी पोती को कुछ देर अपनी गोद में भी बिठाया और उससे पूजन करवाते रहे। फिर जब जय शाह आ गये तो उन्होंने इशारा किया और पोती, अपने पापा के गोद में बैठ गई। वहीं से वह पूजन करने लगी। अब जय शाह का संस्कार देखें। उन्होंने अपनी ऊपर की जेब से पांच-पांच सौ के दो नोट निकाले और खुद ब्राह्मणों को न देकर अपनी बिटिया से दिलवाया।
इस पूजन में यूपी के चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ भी थे। जो लोग यह कहते हैं कि योगी और शाह में ठनी रहती है, उन्हें आज जबरदस्त झटका लगा होगा। क्योंकि, योगी को अमित शाह ने अपने बगल में ही बिठा रखा था। इतना ही नहीं, ज्योंही संकल्प प्रारंभ हुआ, अमित शाह ने योगी को अपने बिल्कुल करीब बिठा लिया। वह प्रायः सभी कर्मकांड मुस्कुराते हुए करते दिखे।
जब संकल्प पूरा हो गया, पूजा के बाद आरती भी संपन्न हो गई, तब अमित शाह और योगी आपस में बेहद सम्मानजनक रुप में बातें भी करते देखे गये। हंसी-ठिठोली भी होती रही। इस बीच अमित शाह बार-बार देह पर रखे गेरुआ वस्त्र को संभालने की कोशिश करते। इस दौरान कई बार उन्होंने अपने पूरे शरीर से गेरुआ वस्त्र हटाया और फिर धारण भी कर दिया। इस बीच उनकी सुफेद काया भी करोड़ों लोगों ने देखी।
अमित शाह की पत्नी सोनल शाह हल्की बैंगनी सूट में, माथे पर पल्लू रख कर पूजा पर बैठीं और जब तक पूजा चली, वह सिर से सरकते पल्लू को ठीक करती रहीं। उन्होंने उपस्थित सभी संतों के चरण भी छुए। उन्होंने योगी आदित्यनाथ को भी सादर प्रणाम किया।
हो सकता है कि अमित शाह के गृहमंत्री होने के नाते कई टीवी चैनलों पर इसे लाइव भी किया गया हो। हो सकता है कि अमित शाह की कठोर छवि के कारण कई चैनल वालों की यह प्रोग्राम लाइव करने की मजबूरी हो लेकिन इतना एहसास तो जरूर हुआ कि अमित शाह एक बेहद सुलझे हुए पारिवारिक इंसान हैं। वह देश-दुनिया के लिए भले ही गृहमंत्री और सरकार में नंबर दो की पोजीशन रखते हों लेकिन वह अपने चार माह के पोते के बड़े केयरिंग बाबा, पोती के लिए दादू और बेटे के लिए एक शानदार पिता हैं। कहीं और नहीं तो कम-अज-कम प्रयागराज के संगम तट पर तो यही दिखा