एम्बुलेंस नहीं मिला तो ट्रैक्टर ट्रॉली में लिटाकर लाया मरीज, इलाज नहीं हुआ तो ले गया प्राइवेट नर्सिंग होम

चौका के ईंट भट्ठा में काम करने के दौरान चक्कर आने से गिर गया था मजदूर

चांडिल । झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था की क्या स्थिति है? इसे समझने के लिए यह घटना काफी है। जहां फोन करने पर 108 सरकारी एम्बुलेंस नहीं मिलती हैं तो मरीज को ट्रैक्टर की ट्राली में लिटाकर स्वास्थ्य केंद्र लाया जाता है लेकिन इससे भी पीड़ादायक बात है कि मरीज का इलाज नहीं होता है। जबकि, कुछ दिन पहले ही सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसी स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया था। मंत्री बन्ना गुप्ता ने जिले सिविल सर्जन एवं चिकित्सकों को इलाज व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध करने का निर्देश दिए थे। बावजूद चांडिल क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति बेहाल हैं।
यह मामला सरायकेला खरसवां जिले के चांडिल प्रखंड के चौका थाना क्षेत्र की है। चौका स्थित ईंट भट्ठा में काम करने वाली मजदूर कमला कर्मकार अचानक चक्कर आने से दोपहर को गिर गई। जिसके बाद उसकी शरीर अकड़न होने लगीं। बताया जाता है कि भट्ठा में काम करने के दौरान ही महिला चक्कर आने से गिरी थी। लेकिन, ईंट भट्ठा मालिक तथा संचालक ने जानकारी मिलने के बाद भी इलाज की व्यवस्था नहीं की। बताया गया कि अन्य मजदूरों व स्थानीय लोगों ने कई बार 108 एम्बुलेंस पर फोन किया लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची। जिससे परेशान और लाचार होकर महिला के पति रथु कर्मकार तथा अन्य मजदूरों ने उसे ट्रैक्टर की ट्रॉली में लेटाकर चौका के चावलीबासा स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र ले गया। जहां उपस्वास्थ्य केंद्र में कोई भी चिकित्सक नहीं होने से महिला की इलाज नहीं हुई। हालांकि, वहां मौजूद एक कर्मचारी ने प्राथमिक चिकित्सा करने के बाद महिला को एमजीएम जमशेदपुर ले जाने को कहा। लेकिन, आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण प्राईवेट वाहन की व्यवस्था करने में मरीज के परिजन असमर्थ थे। स्थानीय लोगों के सुझाव पर अंत में मरीज को ट्रैक्टर की ट्रॉली में लेटाकर ही चौका स्थित प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाया गया।

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