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रांचीः झारखंड और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में 150 से भी ज्यादा आपराधिक वारदात अंजाम देने वाला कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू आज सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। यह मुठभेड़ मंगलवार को पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में हुई है। अमन पिछले कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ की रायपुर जेल में बंद था।
गिरोह के सार्थियों ने छुड़ाने की बनाई थी योजना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गैंगस्टर अमन साहू को उसके गिरोह के सार्थियों ने छुड़ाने की योजना बनाई थी। अमन साहू के साथियों को जानकारी मिल गई थी कि उसे पूछताछ के लिए रायपुर से रांची लाया जा रहा है। गिरोह के सदस्यों ने रास्ते में ही अमन साहू को छुड़ाने की कोशिश की। इसी साजिश के तहत एटीएस के काफिले पर हमला हुआ। सबसे पहले एटीएस की टीम पर बम फेंका गया और फायरिंग की घटना हुई। एटीएस की टीम पर बम फेंकने से पहले पुलिस वाहन के बागे बांस के पेड़ भी फेंके गए।
इस दौरान गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस बीच अमर साव एटीएस के एक जवान का हथियार छीनकर भागने लगा। इस बीच फायरिंग की घटना में हवलदार राकेश कुमार को भी गोली लगी है। करीब आधे घंटे तक एनकाउंटर चली, जिसमें अमन मारा गया और उसकी लाश के पास से पुलिस से लूटा गया हथियार भी बरामद किया गया।
17 साल की उम्र में क्राइम
रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव में रहने वाला अमन साहू का संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी है। कई आपराधिक मामलों की जांच में यह बात सामने आई थी कि अमन साहू जेल में बंद रहने के दौरान भी अपने संपर्क के माध्यम से व्यवसायियों-कारोबारियों और ठेकेदारों से रंगदारी की मांग कर रहा था।
बताया जाता है कि अमन साहू ने 17 वर्ष की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उसे पहली बार 2019 में गिरफ्तार किया गया, लेकिन वो फरार हो गया। दोबारा उसे 3 साल बाद जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था।
दो मामलों में सजायाफ्ता है अमन साहू
अमन साहू पूर्व में झारखंड की सरायकेला जेल में बंद था। 14 अक्टूबर, 2024 को छत्तीसगढ़ की पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर ले गई थी। तभी से वह रायपुर जेल में बंद था। अमन साहू दो मामलों में अदालत से सजायाफ्ता था। झारखंड के रामगढ़ के एक आपराधिक मामले में उसे छह साल और लातेहार के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी।
अमन साहू ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की
झारखंड पुलिस ने उसे हाल में अंजाम दी गई घटनाओं के संबंध में पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। पुलिस की टीम उसे सोमवार की रात रायपुर से लेकर रांची ला रही थी। बताया गया कि रायपुर से रांची के रास्ते में चैनपुर थाना क्षेत्र के अंधारी ढोढा नामक जगह पर अमन के गैंग ने पुलिस की गाड़ी पर बम से हमला किया। इससे पुलिस की गाड़ी असंतुलित हो गई।
पुलिस का दावा है कि अमन साहू ने मौके का फायदा उठाने की कोशिश की और पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा। पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो उसने फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें अमन साहू मारा गया। पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर अमन साहू की मौत की पुष्टि की है।
मुठभेड़ में एक जवान को भी गोली लगी
पलामू एसपी ने बताया है कि मुठभेड़ में एक जवान को भी गोली लगी है। मौके पर एंबुलेंस को भेजा गया है। तीन दिन पहले रांची में कोल ट्रांसपोर्टर बिपिन मिश्रा पर फायरिंग की घटना की जिम्मेदारी अमन साहू के गैंग ने ली थी। अमन के सबसे खास गुर्गे मयंक सिंह ने इसे लेकर बकायदा सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला था।
एनटीपीसी के डीजीएम की हत्याकांड में था शामिल
शनिवार को हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम (डिस्पैच) कुमार गौरव हत्याकांड में भी पुलिस को अमन साहू गैंग का हाथ होने का संदेह था। इन दोनों मामलों में पुलिस उससे पूछताछ करना चाहती थी। सोमवार को डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि अमन साहू जैसे गैंगस्टर जेल से ही आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसके लिए वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता है।