अलवर की ‘निर्भया’ से राजस्थान शर्मसार, पुलिस ने अब रेप से किया इनकार

अलवर
राजस्थान के अलवर शहर के तिजारा फाटक में लहूलुहान अवस्था में मिली मूक बधिर नाबालिग लड़की से दरिंदगी मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आया है। अलवर पुलिस ने अब पीड़िता के साथ रेप से इनकार कर दिया है। पुलिस ने डाक्टरों की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर इसे बलात्कार नहीं माना है। पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने मेडिकल टीम और तकनीकी टीम के आधार पर दावा किया है कि यह प्राणघातक चोट नहीं है, इसमें वेजाइना चोटिल नहीं हुआ है।

पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने अलवर के पुलिस नियंत्रण कक्ष में पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्ची घर से रवाना होने से तिजारा फाटक की पुलिया तक आई है, वहां उसके डोर टू डोर फुटेज और साक्ष्य मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में मालाखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। एसआईटी टीम और एक्सपर्ट की टीम, डॉग स्क्वॉयड, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अब यह पिक्चर साफ हो गई है कि लड़की अकेली घर से रवाना हुई और ऑटो में बैठकर अलवर शहर तक आई। उसके साथ कोई भी नहीं था। इस संबंध में ऑटो ड्राइवर की भी पहचान कर ली गई है। उस ऑटो में जो सवारियां थी उनकी भी पहचान कर कर जानकारी हासिल की जा रही है। और एफएसएल टीम की ओर से ऑटो की भी जांच कराई गई है। ऑटो में किसी भी तरह की ज्यादती के कोई सबूत नहीं मिले हैं।

ऑटो से अलवर पहुंची, सीसीटीवी में तिजारा पुलिस तक नजर आई
एसपी गौतम ने बताया कि मूक बधिर लड़की ऑटो से शहर में आई थी। तिजारा पुलिया तक वह सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दी है। उन्होंने कहा, ‘लड़की के जो सीसीटीवी फुटेज हमें मिले हैं, वहां तक वह पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रही है। और लड़की के पीछे भी कोई पीछा करता हुआ कोई संदिग्ध नजर नहीं आ रहा है।’

पुलिस का दावा, अभी तक की जांच में रेप की पुष्टि नहीं
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड ऑफ डॉक्टर्स और एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट मिल गई है। उन्होंने बिल्कुल साफ कहा है कि मेडिकल जांच करने के बाद वेजाइना या इंटरनल इन्जरी नहीं है। पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि शुक्रवार को मिली एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर 3 बात सामने आई हैं। इसमें मुख्य रूप से दुष्कर्म की संभावनाएं नजर नहीं आती हैं। फिर भी इस मामले की जांच जारी है, जो भी आगे एविडेन्स आएंगे, साक्ष्य मिलेंगे या नए तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर उसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद ही नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा।

‘सेक्सुअल ऑर्गन चोटिल नहीं, अलवर के डॉक्टरों ने भी यही बताया’
एसपी गौतम ने बताया कि सेक्सुअल ऑर्गन चोटिल नहीं है, और इसी आधार पर रेप का मामला नहीं लगता है। जिस दिन लड़की को अलवर के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। यहां के स्थानीय डॉक्टर ने भी वेजाइनल इन्जरी के बारे में बताया था। उस वक्त भी डॉक्टर में मौखिक रूप से रेप होने से इनकार किया था। क्योंकि लड़की की हालत गंभीर होने के कारण उसे जयपुर रेफर कर दिया गया।

पुलिस की 6 टीम जांच में जुटी, 300 सीसीटीवी फुटेज खंगाले
उन्होंने बताया कि पुलिस को सूचना मिलने एवं उस लड़की के पुल तक पहुंचने में करीब 10 मिनट का अंतर था। इस बीच उसके साथ क्या घटना हुई है? इसके लिए तथ्य जुटाए जा रहे हैं। इस मामले के लिए 6 टीमें लगी हुई हैं। जो उस पुलिया के आसपास ही जांच कर रही हैं। पुलिस ने इस संबंध में करीब 300 सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं और उनसे काफी मदद मिली है। लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि उसके साथ कोई ज्यादाती हुई है।

अलवर गैंगरेप कांड पर सियासत तेज

अलवर में मूक-बधिर नाबालिग से गैंगरेप के बाद आरोपियों ने निर्भया की तरह लहूलुहान हालत में सड़क पर फेंक कर भाग गए थे. पीड़िता की हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर (Jaipur) रेफर कर दिया गया. कई डॉक्टरों की टीम ने पीड़िता का ऑपरेशन किया है जिसके बाद स्थिति कुछ स्थिर बताई जा रही है. बता दें कि अलवर में शिवाजी पार्क थाना क्षेत्र में तिजारा फाटक पुलिया पर रात करीब 8 बजे एक नाबालिग को कुछ लोग लहूलुहान हालत में पटक गए थे. करीब 16 वर्षीया नाबालिग खून से लथपथ थी और दर्द से कराह रही थी. राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और युवती को अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन उसकी हालत खराब होने पर उसे जयपुर रेफर कर दिया गया. पीड़िता मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली है. वो अपने माता-पिता के साथ रहती थी और मंगलवार शाम से ही लापता थी.

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