झारखंड में पैदा हुए सियासी संकट के बीच सभी की निगाहें राजभवन पर टिकी हुई है ।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा कल रात इस्तीफा दिए जाने के बाद चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा किया है ।उनके पास 43 विधायकों का समर्थन पत्र होने की बात कही जा रही है ।राजभवन की ओर से अभी तक इस बाबत कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है कि इस पर क्या फैसला लिया जाना है केवल इतना कहा गया है कि सारी स्थिति का आकलन किया जा रहा है सियासी गम गर्मी के बीच चंपई सोरेन को कल शाम विधायक दल का नेता चुना गया। मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद बस में सवार होकर सत्ताधारी पक्ष के सभी विधायक राज भवन पहुंचे मगर वहां उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। पहले केवल मुख्यमंत्री की ही गाड़ी राजभवन पहुंची बाद में उनके साथ कुछ और विधायक पहुंचे ।
राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंप कर चौपाई सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया गया हैझारखंड मुक्ति मोर्चा का कहना है कि उसे कुल 47 विधायकों का समर्थन प्राप्त है । आज रांची के सर्किट हाउस में सत्ता पक्ष के तमाम विधायक जुड़ रहे हैं विधायक दल के नेता चंपई सोरेन भी वहां पहुंचने वाले हैं।यहां पर सभी विधायक आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
कल रात भर जेएमएम एवं कांग्रेस के विधायक राजभवन के बुलावे का इंतजार करते रहे ।विधायकों का कहना था कि वह रात भर इंतजार करेंगे ।इस बीच झारखंड में एक अजीबोगरीब संवैधानिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है ।मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है ।सामान्य तौर पर ऐसी स्थिति में कार्यवाहक मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी सौंपी जाती है मगर अभी वैसा भी कुछ नहीं है। यही कारण है कि सभी इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि राजभवन की ओर से जल्द से जल्द कोई फैसला किया जाए ।इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही है कि कहीं वर्तमान हालात में झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए।