राज्य के ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम की बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में गुरुवार को पहली रात तनाव में बीती। जेल में प्रवेश करने के बाद उन्होंने किसी ने बात नहीं की। वह सीधे अपर डिविजन एक में चले गए। जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आलमगीर देर रात तक बेचैन नजर आए। कभी वह अपने वार्ड में टहल रहे थे तो कुछ देर अपने बिस्तर पर जाकर लेट रहे थे। अपने वार्ड में जाने के बाद एक बार भी वह बाहर नहीं निकले। हालांकि जेल प्रशासन की ओर से समय-समय पर उन्हें खाना-पानी के लिए भी पूछा जा रहा था, मगर वह इंकार कर दे रहे थे।
दिन के 1.50 बजे मंत्री को ईडी लेकर पहुंची जेल दिन के 1.50 बजे ईडी के अफसर उन्हें जेल लेकर पहुंचे। मंत्री सीधे जेलर के कार्यालय में पहुंचे। वहां पर जेल अधीक्षक भी मौजूद थे। करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। इसके बाद जेलकर्मी उन्हें अपर डिविजन एक ब्लॉक ले गए। उनके लिए अपर डिविजन में सारी व्यवस्था थी। उनकी सुरक्षा के लिए अपर डिविजन में शिफ्टवाइज चार-चार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
आधी रोटी और आधा गिलास दूध पीया
शाम साढ़े सात बजे उन्हें खाना दिया गया। खाने में उन्हें भिंडी-आलू की भुजिया और रोटी दी गई। इसके अलावा उन्हें एक गिलास दूध भी दिया गया। काफी देर तक खाना उनके टेबल पर पड़ रहा। बताया जा रहा है कि रात करीब दस बजे उन्होंने आधी रोटी और आधा गिलास दूध ही पीया। सूत्र बताते हैं कि आधी रोटी भी बहुत मुश्किल से और काफी देर में खायी।
सेहत का पूरी तरह ध्यान रखा जाए
पेशी के दौरान पीएमएलए कोर्ट ने आलमगीर आलम से उनका नाम और पता पूछा। साथ ही स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इस पर उनके वकील ने कहा कि उन्हें स्लीप एपनिया नामक बीमारी है। इसके लिए सीपीएपी मशीन की जरूरत पड़ती है। इसे साथ रखना है। कोर्ट ने पूछताछ के दौरान ईडी को आलमगीर के स्वास्थ्य पर ध्यान रखने का आदेश दिया। ईडी ने कहा कि पूछताछ में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाता है
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