स्थापना दिवस विशेष: आकाशवाणी चाईबासा का सफर

टेलीविजन के आगमन के बाद शहरों में रेडियो के श्रोता कम हो गए थे लेकिन एफएम रेडियो के आने के बाद अब शहरों में भी इसके स्रोत बढ़ने लगे हैं। मोबाइल के इस जमाने में एफएम प्रसारण सुनने वाले युवाओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। क्योंकि अब आकाशवाणी चाईबासा न्यूज़ ऑन एआईआर ऐप पर भी उपलब्ध है अतः इस के कार्यक्रम कहीं भी सुने जा सकते हैं।
आगामी 8 नवंबर को आकाशवाणी चाईबासा 30 वां स्थापना दिवस मना रहा है ।इस अवसर पर संध्या 6:00 बजे से एक विशेष कार्यक्रम प्रसारित किया जाएगा जिसमें शहर के नामचीन लोगों के अलावे केंद्र प्रमुख, अभियंत्रणकर्मी, उद्घोषकों तथा: श्रोताओं के शुभकामना संदेश भी प्रसारित किए जाएंगे। आकाशवाणी से 23 भाषाओं तथा 146 बोरियों में प्रसारण होता है। इसकी ताकत का अंदाजा इसी से हो जाता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कहने के लिए इतने संचार माध्यमों के बावजूद रेडियो को ही चुना। सन 1936 में भारतीय रेडियो को ऑल इंडिया रेडियो और फिर 1957 में आकाशवाणी नाम दिया गया था। अकेले आकाशवाणी प्रतिदिन करीब 2000 घंटों के कार्यक्रम प्रसारित करता है। कृषि विकास मौसम कला संस्कृति के साथ साथ मनोरंजन शिक्षा समाचार एवं सूचना देने में रेडियो हमेशा तत्पर रहा है। करो ना कॉल में आकाशवाणी चाईबासा से प्रसारित कार्यक्रम दूरियां बनाएं जिंदगी बचाएं ने श्रोताओं में जागरूकता लाने में महकती भूमिका निभाई। आकाशवाणी विश्व का सबसे बड़ा प्रसारण नेटवर्क है देश में 400 से अधिक केंद्रों के साथ आकाशवाणी की पहुंच देश की लगभग 99% जनसंख्या तक है।
गौरतलब है कि चाईबासा एफएम केंद्र की स्थापना 8 नवंबर 1992 को तत्कालीन बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष उमेश्वर प्रसाद वर्मा की अध्यक्षता में केंद्रीय औद्योगिक विकास राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णा शाही के कर कमलों से हुई। इस केंद्र से पहले संध्या 5:00 से रात्रि 11:00 तक प्रसारण शुरू किया गया था तब्दीली करते हुए अपराह्न 3 बजे से रात्रि 9:15 बजे तक प्रसारण हुए। फिलवक्त इस केंद्र से प्रातः 5:55 से रात्रि 11:10 तक है विविध रंगी कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। स्थानीय रेडियो केंद्र क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखकर स्थानीय समुदायों तथा भाषाओं के लिए विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करता है। आजकल यहां की प्रातः कालीन सभा में रामचरित मानस गान समर्पण सुगम संगीत गीत सुहाने लोक संगीत फिल्म संगीत तथा प्रायोजित कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। कुर्बान है 10:00 से संध्या 5:00 तक एफएम गोल्ड के कार्यक्रम तथा रात्रि 9:30 से 11:00 तक एफएम गोल्ड के कार्यक्रम होते हैं करुणा का हाल में विविध भारती के स्थान पर एफएम गोल्ड के कार्यक्रम प्रसारित किए जा रहे हैं। स्थिति सामान्य होने के बाद एफएम गोल्ड के स्थान पर विविध भारती के विविध रंगी कार्यक्रम पुनः प्रारंभ होंगे। सांध्य कालीन प्रसारण में फिल्म संगीत का कार्यक्रम गुलदस्ता कृषि आधारित प्रायोजित कार्यक्रम किसान वाणी कोरोनावायरस कार्यक्रम दूरियां बनाएं जिंदगी बचाने विभिन्न भाषाओं में प्रादेशिक समाचार फरमाइशी गीतों का कार्यक्रम आपकी पसंद समाचार संध्या और शामिल गजल काफी मकबूल हैं।
आकाशवाणी बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के उद्देश्य के साथ गीत संगीत के माध्यम से कभी भी कहीं भी हमारा मनोरंजन करने में सक्षम है। आकाशवाणी चाईबासा ने अपनी स्थापना के 27 में वर्ष में ही डिजिटल ट्रांसमिशन की शुरुआत कर दी थी जिससे अधिक दूर तक के श्रोताओं तक हमारे कार्यक्रम पहुंच रहे हैं। 90 के दशक में एफएम रेडियो का जन्म हुआ था और एक अनूठे चलते-फिरते मनोरंजन ने अठखेलियां करनी शुरू कर दी थी फिलहाल रेडियो हर साल 22% की दर से अपनी सेहत को सुधार रहा है और आकाशवाणी चाईबासा ने लगभग तीन दशकों का सफर तय कर लिया है।

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