7 फरवरी तक नहीं किया इंतजार, आज से ही शुरू हो गया आजसू का सदस्यता अभियान, बेलगाम हेमंत सरकार पर लगाम लगाने का एकमात्र विकल्प आजसू : हरेलाल महतो

चांडिल । ईचागढ़ प्रखंड के चिमटिया पंचायत अंतर्गत चितरी में आयोजित मिलन समारोह में आज विभिन्न दलों को छोड़ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आजसू पार्टी का दामन थामा। यहां राजेन गोप, मिंटू प्रमाणिक तथा प्रफुल्य प्रमाणिक के नेतृत्व में आजसू पार्टी की सदस्यता लेने वाले सभी कार्यकर्ताओं का केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो ने स्वागत किया। हरेलाल महतो ने फूल माला पहनाकर तथा पार्टी का अंगवस्त्र देकर स्वागत किया और संगठन के विचारों को साझा किया। ज्ञात हो कि गत दो फरवरी को रांची में आजसू पार्टी द्वारा आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने आगामी सात फरवरी से सदस्यता अभियान चलाने की घोषणा की। लेकिन आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो एक कदम आगे निकल आए। उन्होंने सात फरवरी तक इंतजार करने के बजाय आज से ही सदस्यता अभियान को शुरू कर दिया है। हरेलाल महतो के इस निर्णय का पार्टी को भी लाभ हुआ। गुरुवार को ईचागढ़ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। यहां आजसू में शामिल होने वाले सभी विभिन्न दलों के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। संभावना जताई जा रही हैं कि ईचागढ़ क्षेत्र से इन कार्यकर्ताओं के आने से आजसू संगठन को काफी मजबूती मिलेगी। इस दौरान हरेलाल महतो ने कहा कि मौजूदा हेमंत सरकार बेलगाम हो गई है और उलूल जुलूल नीति बना रही हैं। ऐसे बेलगाम सरकार पर लगाम लगाने का एकमात्र विकल्प आजसू पार्टी है। हरेलाल महतो ने कहा हेमंत सरकार से लोग इस हद तक त्रस्त हो चुकी हैं कि आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने सात फरवरी से सदस्यता अभियान शुरू करने की घोषणा की, उससे पहले से लोग आजसू से जुड़ने लगे हैं। इस मौके पर जिला कार्यकारी अध्यक्ष गुरूपदो सोरेन, जिला संगठन सचिव नंदन कुंज पात्र, ईचागढ़ प्रखंड अध्यक्ष गोपेश महतो, ईचागढ़ प्रखंड सचिव अभिराम हेम्ब्रम, चांडिल प्रखंड अध्यक्ष दुर्योधन गोप, लक्ष्मीकांत महतो, बृहस्पति महतो समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।

स्थानीय, नियोजन और भाषा नीति के बिना राज्य का विकास संभव नहीं

आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव हरेलाल महतो ने कहा कि स्पष्ट स्थानीय नीति, नियोजन नीति, भाषा नीति के बिना राज्य का विकास संभव नहीं है। राज्य सरकार को चाहिए कि भाषा विवाद को सुलझा कर राज्य में शांति व्यवस्था कायम करें। उन्होंने कहा कि जिसके लिए राज्य अलग हुआ है, यदि उन्हें ही अधिकार से वंचित रखा जाएगा तो यह शहीदों और आंदोलनकारियों का अपमान होगा। हरेलाल महतो ने कहा कि राज्य को सबसे पहले खतियान आधारित स्थानीय नीति तैयार करने की जरूरत है। वहीं, स्पष्ट नियोजन नीति और भाषा नीति बनानी चाहिए।

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