चांडिल । भारत बंद करने के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं, कार्यकर्ताओं व समर्थकों द्वारा गुंडागर्दी किया गया है। जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ननिहाल यानी मामाघर में जब झामुमो वाले गुंडागर्दी कर रहें हैं तो राज्य के अन्य इलाकों की स्थिति कैसी स्थिति है? इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।चांडिल गोलचक्कर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान आजसू पार्टी के नेताओं ने ऐसा कहा। आजसू के प्रखंड अध्यक्ष दुर्योधन गोप ने कहा कि भारत बंद से संबंधित एक ऑडियो वायरल हुई हैं, जिसमें चांडिल बाजार के एक दुकानदार द्वारा बताया गया कि झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा टांगी यानी कि धारदार हथियार के नोक जबरन दुकानों को बंद कराया गया। दुकानदारों से झामुमो कार्यकर्ताओं द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया। आजसू ने इस घटना को निंदनीय बताया और विरोध जताया। दुर्योधन गोप ने कहा कि इस घटना के प्रति आजसू पार्टी और चांडिल के व्यवसायी निंदा करती हैं। उन्होंने कहा कि झामुमो द्वारा क्षेत्र में अराजकता का माहौल बनाया जा है। झामुमो कार्यकर्ताओं द्वारा भारत बंद के नाम पर दुकानदारों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार करने पर भी प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई थी, इससे पता चलता है कि झामुमो सरकार ने प्रशासन को अपना कठपुतली बना कर रखा है, इसलिए प्रशासन भी निष्पक्ष काम नहीं कर रही हैं। दुर्योधन गोप ने कहा कि भारत बंद को लेकर जमशेदपुर क्षेत्र से एक वीडियो भी वायरल हुई हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा भारत बंद का ऐलान किया जा रहा है। यदि यह सही घटना है तो ऐसे पुलिस वालों को खाकी छोड़कर खादी पहन कर नेतागिरी करना चाहिए। प्रेस वार्ता में अजय महतो, बासुदेव प्रमाणिक, शेखर गांगुली, दामोदर गोप, कार्तिक कालिंदी, मनोज कुमार, षष्टी मोदक, मदन प्रमाणिक आदि उपस्थित थे।
इधर, रांची सांसद संजय सेठ के बयान पर झामुमो नेताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य व मुख्यमंत्री के मामा गुरुचरण किस्कू ने कहा कि भारत बंद की सफलता से विरोधी दल बौखला गई हैं। भारत बंद को व्यवसायी व दुकानदारों ने भरपूर सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि सांसद संजय सेठ को विकास कार्यों में ध्यान देना चाहिए, न कि इस तरह के उलूल जुलूल बयानबाजी करनी चाहिए। गुरुचरण किस्कू ने कहा कि लॉकडाउन से बड़काखाना ट्रेन बंद है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही हैं लेकिन से सांसद सेठ उस ट्रेन को आजतक चालू कराने में विफल रहे।