नई दिल्ली, 29 दिसंबर मलेशियन बजट एयरलाइन एयर एशिया ग्रुप भारतीय परिचालन में अपनी 32.67 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा संस को बेचने की योजना बना रही है। बरहाद ने मंगलवार को एक फाइलिंग में बताया कि वह हिस्सेदारी 37.7 मिलियन डॉलर में बेचने की योजना बना रही है। एयरलाइन की एयर एशिया इंडिया में 49 फीसद हिस्सेदारी है व शेष 51 फीसद हिस्सेदारी पहले से ही टाटा संस के पास है। इस तरह एयर एशिया इंडिया टाटा संस और एयर एशिया बरहाद का संयुक्त उपक्रम है।
दरअसल, एयर एशिया बरहाद भारतीय कारोबार से निकलना चाहती है। यही कारण है कि वह हिस्सेदारी बेचना चाह रही है। सूत्रों अनुसार, एयर एशिया बरहाद ने कहा कि इस बिक्री से कंपनी यात्रा पर कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव के मद्देनजर अपने प्रमुख दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों से रिकवरी करने पर केंद्रित हो सकेगी।
एयरलाइन ने कहा, ‘जिन निदेशकों ने लेन-देन पर विचार किया है, उनकी सावधानी से विचार करने के बाद एकमत राय है कि यह लेनदेन एयर एशिया और उसके शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में है।’
महामारी के बीच अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का हवाला देते हुए एयर एशिया द्वारा जापान में अपना परिचालन बंद करने के दो महीने बाद यह घोषणा हुई है।
ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी फर्नांडीज ने सितंबर में रॉयटर को बताया था कि ग्रुप का इरादा दक्षिण पूर्व एशिया में अपने पैर जमाने और मजबूत करने का है, जिसका मतलब है कि वह जापान और भारत दोनों देशों से बाहर निकल सकता है।
टाटा संस के पास वर्तमान में एयर एशिया में 51 पर्सेंट हिस्सेदारी है। जबकि बाकी की हिस्सेदारी एयर एशिया बरहाद के पास है। दरअसल एयर एशिया भारतीय बिजनेस में से निकलना चाहती है। यही कारण है कि वह अपनी पूरी हिस्सेदारी इसमें बेचना चाहती है।