गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा कहा गया कि दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुए साइबर अटैक चीन से किया गया.एम्स अस्पताल में हुए साइबर अटैक पर एफआईआर दर्ज की गई. इसमें कहा गया कि यह साइबर अटैक चीन से किया गया. अस्पताल के 100 सर्वरों में 40 फिजिकल और 60 वर्चुअल रूप से हैक किए गए. इनमें से पांच सर्वरों का डेटा हैकर्स से सफलतापूर्वक रिकवर कर लिया गया है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने बुधवार (14 दिसंबर) को यह जानकारी दी.
25 नवंबर को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) इकाई ने जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अब टार्गेट रैंसमवेयर हमले की जांच कर रही है. NIA के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और दिल्ली साइबर क्राइम सेल, भारतीय साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन, खुफिया ब्यूरो, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) साइबर हमले की भी जांच कर रहे हैं.
एम्स पर हुआ साइबर अटैक
एम्स दिल्ली ने पहली बार 23 नवंबर को अपने सर्वर में खराबी की सूचना दी थी. सर्वर की देखभाल के लिए तैनात दो विश्लेषकों को भी साइबर सुरक्षा के कथित उल्लंघन के लिए निलंबित कर दिया गया है. एम्स के अधिकारियों ने जारी एक बयान में कहा कि ई-अस्पताल डेटा बहाल कर दिया गया है. सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को क्लीन किया जा रहा है. डेटा की मात्रा और अस्पताल सेवाओं के लिए सर्वर/कंप्यूटर की बड़ी संख्या के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है. साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं.
सीएफएसएल की मदद ली गई
इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सैल ने एम्स दिल्ली (Delhi AIIMS) में कंप्यूटर सिस्टम पर हमले की जांच शुरू की थी. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मैलवेयर हमले के सोर्स की पहचान करने के लिए एम्स दिल्ली के सर्वर की जांच के लिए सेंट्रल फॉरेंसिक लैब (सीएफएसएल) की एक टीम को सेवा में लगाया गया है.