अग्निवीर – आर्मी चीफ ने बताई चार फायदे वाली बात , बोले- अग्निवीर सबके हित में है

नई दिल्ली: आज भारत बंद के आह्वान और पिछले दिनों ट्रेनों में आगजनी, तोड़फोड़ की घटना के बीच आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने साफ कहा है कि युवाओं को गुमराह नहीं होना चाहिए। अग्निपथ स्कीम वापस नहीं होगी और वे अपनी भर्ती पर ध्यान दें। जनरल पांडे से सीधे सवाल किया गया कि चार साल के लिए कोई अग्निवीर क्यों बने? और क्या यह राष्ट्रहित में है। इंटरव्यू में सेना प्रमुख ने कहा कि यह एक ऐसा परिवर्तन और योजना है जो न सिर्फ सेना बल्कि देश और युवाओं के लिए फायदेमंद होगी। उन्होंने कहा कि अगर आप इसके ऑब्जेक्टिव को समझेंगे तब पता चलेगा कि यह सभी के हित में है। जनरल पांडे ने चार बड़े फायदे गिनाए। उन्होंने कहा:

1. इस स्कीम के लागू होने के बाद हमारी सेना के यूथफुल प्रोफाइल में तेजी से सुधार होगा।
2. हमारे जवान तकनीकी रूप से काफी दक्ष होंगे। वे भविष्य में हथियार प्रणाली और उपकरणों को बेहतर तरीके से यूज कर सकेंगे।
3. हम सेना में यूथ और अनुभव के बैलेंस को बढ़ाना चाहते हैं।
4. अग्निवीरों के यूनिट और सेना में इंटिग्रेशन से फायदा होगा।

4 साल के बाद अग्निवीर का क्या होगा? युवाओं के सवालों पर सेना ने दिया जवाब

क्या सेना पर थोपी गई अग्निपथ?
क्या यह सोच समझकर लाई गई योजना है, या सेना पर थोपी गई है? इस सवाल पर जनरल पांडे ने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं समझना चाहिए यह स्कीम सेना पर थोपी गई है। यह गलत धारणा है। करीब 2 साल से यह योजना विचार में थी। इस पर लगातार चर्चा, परिचर्चा सभी हितधारकों के साथ चल रही थी। 14 जून को जब योजना की घोषणा की गई, उसके बाद के दिनों में इसके प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि 4-5 दिन में ही योजना में बदलाव करना पड़ा। यह गलत धारणा है।

इन सब चीजों (विरोध प्रदर्शन, हिंसा आदि) को छोड़ें, भर्ती-रैली का शेड्यूल घोषित किया है वेबसाइट पर पूरी जानकारी है। अपने आप को शारीरिक रूप से और अन्य परीक्षाओं के लिए तैयार करें। सेना में हम अनुशासन को बहुत महत्व देते हैं। हम चाहते हैं कि युवा किसी बहकावे में न आए और भर्ती पर फोकस करें।
आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे

विरोध देख क्या फिर से विचार होगा?
क्या विरोध को देखने के बाद ऐसा नहीं लगता इस स्कीम पर फिर से विचार किया जाना चाहिए और जो चिंताएं उठाई जा रही हैं, उसे दूर करने का प्रयास किया जाए? सेना प्रमुख ने कहा कि नहीं, मेरी राय में विरोध के स्वर का मुख्य कारण है कि लोगों के पास जानकारी नहीं थी। जैसे-जैसे लोग खासकर युवा स्कीम को समझ पा रहे हैं उनकी आशंकाएं या गलत धारणाओं का समाधान हो गया है। इसके चलते लोगों को फायदा समझ में आ रहा है।
केवल पेंशन बिल घटाने के लिए अग्निवीर?
कहा जा रहा है कि पेंशन बिल को घटाने के लिए यह स्कीम लाई गई है कि चार साल की सेवा ले लो और पेंशन भी न देनी पड़े, ग्रैच्युटी भी न देना पड़े। केवल 25 प्रतिशत को सेना में लिया जाएगा। इस पर सेना प्रमुख ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है। जब 4 साल बाद युवा समाज में वापस जाएगा तो उसके पास विशेष योग्यता होगी, फौज के वैल्यू, अनुशासन के अलावा, वह समाज में अपनी अलग जगह बना पाएगा। इससे आगे बढ़ने में उसकी मदद होगी।

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