जड़ वस्तु के प्रति अत्याधिक आकर्षण के कारण होता है अवसाद: आचार्य विश्व देवआनंद

सरायकेला कार्यालय 1 जनवरी: वैश्विक महामारी करोना काल में सरकार के गाइडलाइन का पालन करते हुए आनंद मार्ग के हेड क्वार्टर आनंद नगर में धर्म महासम्मेलन पंडाल में वेब टेलीकास्ट एवं वेबीनार से संबोधित करते हुए आनंद मार्ग प्रचारक आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने कहा कि जड़ वस्तु के प्रति अत्याधिक आकर्षण के कारण अवसाद का जन्म होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 34 करोड़ से अधिक अवसाद रोग के मरीज पूरी दुनिया में है. भारतीय जनसंख्या का लगभग 5 प्रतिशत करीब 6 करोड़ लोग अवसाद रोग से ग्रस्त हैं. मनुष्य के जीने का ढंग बदल गया, व्यक्ति आत्मसुख तत्व से ग्रस्त हो स्वार्थी हो गया. आर्थिक विषमता के कारण समाज बिखर गया है. उन्होंने पतंजलि योगसूत्र चैप्टर 2.3 हवाला देते हुए कहा कि मनुष्य अविद्या (अज्ञानता) ,अस्मिता (अहंकार ),राग (आसक्ति), द्वेष( विरक्ति) एवं अभिनिवेश( मृत्यु का भय )से ग्रस्त है. उन्होंने कहा कि डिप्रेशन से मुक्ति के लिए अष्टांग योग का अभ्यास आवश्यक है.

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