जमशेदपुर19 जून संवाददाता , भाजपा नेता अभय सिंह के भाई निर्भय सिंह ने फेसबुक पर आज शाम एक पोस्ट डाला जिसमें लिखा ‘‘चमकता आईना बस रंगभेद में ही सना गया, एसएसपी को कैसे बचाया जाए, बेचारा दिन रात यही पेट आंदोलन में रहता।’’ पोस्ट का स्क्रीन शॉट यहां दिया जा रहा है।
ऐसा प्रतीत होता है कि कदमा केस में अभय सिंह की गिरफ्तारी और उच्च न्यायालय ने जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो पाने के कारण असहज हुए निर्भय सिंह द्वारा यह पोस्ट लिखकर अखबार पर ही भड़ास निकालने का प्रयास किया गया। अभय सिंह की गिरफ्तारी के दिन से ही मामला ऐसी टीका टिप्पणियों के चलते विवादों में पड़ता जा रहा है और लोग उनके मामले से दूर होते जा रहे हैं। आज शाम के इस पोस्ट को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं और आम लोगों में तीखी प्रतिक्रिया है। इस गिरफ्तारी पर निर्भय सिंह द्वारा लगातार मुद्दे से हटकर दूसरा दूसरा रंग चढाने की कोशिश होती रही। एक पाठक ने लिखा चमकता आईना अखबार के विषय में जिस तरीके से लिखा गया है वह कुत्सित मानसिकता का परिचय है। यह इकलौता ऐसा अखबार है जिसने समाज को आईना दिखाने का काम किया है। खुदअभय सिंह का न जाने कितना न्यूज इस अखबार में छपा होगा। उनकोनेता बनाने में इस अखबार का भी योगदान होगा लेकिन हर चीज को जाति के आइने से देखना इन लोगों का शुरु से काम रहा है। जमशेदपुर की जनता सब जानती है। आसमान पर थूकने से थूक कहां पड़ता है, सबको पता है। भाजपा शुरु से इस मामले में सावधान रही है कि इसे विशुद्ध प्रशासनिक और न्यायिक मामला माना जाए। न कि इसे कोई और रुप दिया जाए। निर्भय सिंह जिस तरह की बातें कर रहे हैं उससे पार्टी को खुद का नुकसान होता दिख रहा है। ये लोग पहले कहते रहे कि पूर्व मुख्य मंत्री रघुवर दास के इशारे पर तो कभी मंत्री बन्ना गुप्ता के इशारे पर पुलिस अभय सिंह को परेशान कर रही है और अब चमकता आईना पर अंगुली उठा रहे हैं। निर्भय सिंह भूल रहे हैं कि अभय सिंह का चमकता आईना परिवार से कितना मधुर रिश्ता रहा है और मामले को शुरु में ही खत्म करने के लिये चमकता आईना ने क्या भूमिका निभाई। लेकिन अभय सिंह को जेल में रखने और उन्हें वहीं से चुनावी टिकट दिलाने का सपना पालकर निर्भय सिंह की सोच ने उन्हें बेल पिटिशन फाइल करने से ही रोक दिया और अब हाई कोर्ट में सुनवाई टलने के कारण अधीर होकर जिसपर तिसपर टीका टिप्पणी करना शुरु कर दिया है।
एक दूसरे पाठक ने लिखा है, जिनके लिये राजनीति केवल व्यापार है, जो लोग पार्टी के नाम पर और धर्म के नाम पर केवल लूट मचाए हैं और जिनकी निष्ठा केवल अपने परिवार तक सीमित है, उनसे और कौन सी अटपटी बात की उम्मीद की जा सकती है।
विवाद बढने पर निर्भय सिंह ने तुरंत पोस्ट को डिलीट कर दिया है।