Jamshedpur,3 Oct: रघुवर सरकार के कार्यकाल में खाद्य आपूर्ति मंत्रालय द्वारा आहार पत्रिका प्रकाशन में नियम विरुद्ध तरीके से प्रिंटिंग कार्य का आवंटन करने के आरोप में उच्च न्यायालय में जांच हेतु पी आई एल दायर किये जाने की खबर है। यह कार्य झारखंड प्रिंटर्स नामक एक प्रतिष्ठान को आवंटित किया गया था। पत्रिका के संपादक की नियुक्ति को भी पूर्व में मीडिया में चैलेंज किया गया था। पी आई एल में समर्पित आरोपित बिंदुओं का विस्तृत विवरण अभी नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन रघुवर सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री का जिम्मा सरयू राय के पास था और प्रकाशन के कार्य आवंटन के समय विभाग के सचिव पद पर वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी अमिताभ कौशल नियुक्त थे।
इस आरोपित गड़बड़ी को सर्वप्रथम भाजपा नेताओं ने ही उठाया है। भाजपा नेता अभय सिंह, देवेंद्र सिंह, आदि ने इस मामले में तत्कालीन मंत्री और वर्तमान जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय को दोषी ठहराया है। रघुवर दास और सरयू राय विवाद में भाजपा अपनी ही पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल को अदालत में घसीटने का राजनीतिक चर्चा पैदा कर रही है।
सरयू राय ने इस मामले में कहा कि विभाग ने छपाई की आवश्यकता के मद्दे नज़र और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में लग रहे समय के बीच एक शर्तनामा के तहत यह काम झारखंड प्रिंटर्स को आवंटित किया । शर्त यह थी कि टेंडर होगा और जो सबसे न्यूनतम दर आएगा उसी दर पर उसे भुगतान किया जाएगा। बाद में जब टेंडर हुआ तब उस प्रिंटर का दर ही न्यूनतम आया। तदनुसार भुगतान किया गया । इस प्रकार इसमे एक पैसे का नाजायज़ भुगतान नहीं किया गया। जहां तक संपादक की नियुक्ति का प्रश्न है उन्होंने अवैतनिक ढंग से पत्रिका का संपादन किया और एक दैनिक अखबार के संपादक रह चुके थे। इस प्रकार संपादक की नियुक्ति में भी कोई गड़बड़ी नहीं की गयी। वे उस समय उनके निजी सहायक के रूप में कार्यरत थे ।इस प्रकार संपादक और मुझ पर द्वेष वश आरोप लगाए गए जबकि यहां किसी वित्तीय अनियमितता की कोई बात हुई ही नहीं।
श्री राय ने पलटवार करते हुए कहा मुझ पर इस तरह हवा में विद्वेषवश तलवार भांजने वाले लोग गायिका सुनिधि चौहान पर हुए खर्च , मोमेंटम झारखण्ड के नाम पर किये गये भ्रष्टाचार के नंगा नाच , आदि का हिसाब दें, न कि “कोढ़िया डराए थू” वाली देहाती कहावत चरितार्थ करें।