रवि सेन
चांडिल: चांडिल डैम रोड स्थित पॉलिटेक्निक में शुक्रवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया. इस अबसर पर प्राचार्य डॉ नीरज प्रियदर्शी ने बताया कि 28 फरवरी 1928 को भारतीय भौतिक विज्ञानी सर सी वी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज को चिह्नित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. उनकी खोज के लिए सर सी0वी0 1930 में रमन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया. प्राचार्य ने बताया कि इस वर्ष चांडिल पॉलिटेक्निक के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए किर्लोस्कर, आशय गिलास, धूत ट्रांसमिशन पुणे, सिग्मा इलेक्ट्रिक पुणे नामक कंपनी ने अभी तक ६८ स्टूडेंट्स को ऑफर लेटर दे चुकी है. कार्यक्रम के चीफ गेस्ट, झारखंड यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक श्री राजेश प्रसाद और गेस्ट ऑफ ऑनर चांडिल बीडीओ प्रवेश कुमार साहु उपस्थित थे. श्री राजेश प्रसाद ने बताया कि 1986 में एनसीयसटीस ने भारत सरकार को 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित करने के लिए कहा. यह आयोजन अब पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, चिकित्सा और अनुसंधान संस्थानों में मनाया जाता है. बीडीओ प्रवेश कुमार ने बताया कि चांडिल पॉलिटेक्निक झारखंड में आधुनिक तकनीक पर काम कर रहा है. आने वाले भविष्य में चांडिल पॉलिटेक्निक झारखंड के अग्रणी कॉलेज में शामिल होगा. स्किल डायरेक्टर अमित कुमार श्रीवास्तव ने साइंस को रियल लाइफ में प्रयोग पर बल दिया. इस अवसर पर 140 विद्यार्थयों ने वाटर टैंक इंडिकेटर, राकेट प्रोजेक्टिले, वेल्डिंग मशीन उसिंग वाटर, स्मार्ट डस्टबिन, हाइड्रोलिक आर्म, मिनी स्टीम इंजन, आटोमेटिक स्ट्रीट लाइट पर आधारित प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शनी के दौरान स्टीयरिंग मैकेनिज्म ऑफ कार के लिए कमलजीत सिंह महरा को प्रथम, कन्वर्शन ऑफ मैकेनिकल एनर्जी तो इलेक्ट्रिकल एनर्जी के लियर शशिकांत कुमार को सेकंड और रोड सेफ्टी पर आधारित प्रोजेक्ट के लियर सनी सिंह थर्ड प्राइज मिला. इस अबसर पर प्रिंस, आकाश, नेहा, देबदास, अनुज आदि उपपस्थित थे.