भारत जब-जब बड़ा बना है उसने दुनिया का हित ही किया है।
भागवत ने रांची में संघ समागम को संबोधित किया, स्वयंसेवकों को राष्ट्र निर्माण के दिए प्रेरित किया
हिंदू समाज को संगठित करने के अलावा संघ का कोई और काम नहीं है
रांची 20 फरवरी इएमएस. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को रांची में संघ समागम में स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस दौरान भागवत ने कहा, ‘नेशनलिज्म शब्द का आज दुनिया में अच्छा अर्थ नहीं है।’ भागवत ने इस दौरान ब्रिटेन में संघ कार्यकर्ता के साथ हुई बातचीत का किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा, ‘कुछ साल पहले संघ के कार्यक्रम में ब्रिटेन जाना हुआ। वहां 40-50 बुद्धिजीवियों से संघ के बारे में चर्चा होनी थी। वहां एक कार्यकर्ता ने कहा कि शब्दों के अर्थों के बारे में सावधान रहिएगा, अंग्रेजी आपकी भाषा नहीं है। यहां बातचीत में शब्दों के अर्थ भिन्न हो जाते हैं। इसलिए नेशनलिज्म शब्द का उपयोग मत कीजिए। नेशनल कहेंगे चलेगा, नेशनल कहेंगे चलेगा, नेशनलिटी कहेंगे चलेगा, नेशनलिज्म मत कहो। नेशनलिज्म का मतलब होता है हिटलर… नाजीवाद और फासीवाद।’
इमरान खान जैसा कहते हैं, वैसा नहीं है: भागवत
भागवत ने कहा, ‘हिंदू समाज को संगठित करने के अलावा संघ का कोई और काम नहीं है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि संघ सभी मामलों में हस्तक्षेप करता है। ऐसा लोग कहते हैं, इमरान खान (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) भी कहते हैं।’ दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने, सीएए लागू करने के दौरान इमरान खान ने ट्वीट कर इसका विरोध किया था और इसे भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मोदी सरकार और संघ की साजिश बताया था।
‘भारतीय संस्कृति को दुनिया के लोग हिंदू संस्कृति के नाम से जानते हैं’
भागवत ने इस दौरान एक और किस्से का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘एक बार मुस्लिम व्यक्ति भारत से हज यात्रा पर गए थे। वहां लॉकेट पहने होने पर उनके खिलाफ इस्लाम के खिलाफ (ईशनिंदा) का मामला दर्ज करके जेल भेज दिया गया। तब की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मामले में हस्तक्षेप किया और आठ दिनों में उन्हें जेल से छु?वाया। क्योंकि, भारतीय संस्कृति को दुनिया के लोग हिंदू संस्कृति के नाम से जानते हैं।’
मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों से अपील की कि अपनी संस्कृति पर गर्व करते हुए देश को परम वैभव तक पहुंचाने के लिए काम करें. भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए संघ सभी लोगों को साथ लेकर चलता है. स्वयंसेवक समाज में एक आदर्श पेश करें. संघ की नित्य शाखा से ही वे समाज का आदर्श बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि संघ के भाषणों से ही भारत विश्वगुरु बनेगा ऐसा नहीं है. शाखा की नित्य साधना को व्यवहार में उतारना होगा.
श्री भागवत ने कहा कि जब आप राष्ट्र निर्माण का काम करेंगे, तो न तो कोई आपको धन्यवाद देगा, न ही आभार प्रकट करेगा. देश हमें सब कुछ देता है. हम भी तो देश को कुछ दें. देश को कुछ देना सीखें. श्री भागवत ने कहा कि समाज में कोई भी आपत्ति-विपत्ति आये, संघ के स्वयंसेवकों को दौड़कर आगे आना चाहिए. हमारा समाज संपूर्ण विश्व को कुटुंब मानता है, इस धारणा को समाज में स्थापित करना होगा
‘महाशक्ति देश दुनिया के साधनों का उपयोग करते हैं’
भागवत ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि कट्टरता, जलवायु परिवर्तन दुनिया की शांति को प्रभावित कर रहे हैं। इसका समाधान सिर्फ भारत के पास है। क्योंकि उसके पास इन समस्याओं को सुलझाने का अनुभव है।’ उन्होंने यह भी कहा कि, ‘भारत जब-जब बड़ा बना है उसने दुनिया का हित ही किया है। आज दुनिया को हमारी जरूरत है। दुनिया में कई देश बड़े बने और उनका पतन हो गया। आज भी बड़े देश हैं, जिन्हें महाशक्ति कहा जाता है। ये देश महाशक्ति बनकर दुनिया के साधनों का स्वंय के लिए उपयोग करते हैं।’
भागवत चार दिन रांची में रहेंगे
संघ प्रमुख के संबोधन से पहले स्वयंसेवकों ने योग, व्यायाम, दण्ड प्रहार, सूर्य नमस्कार किया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, रांची के सांसद संजय सेठ और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। वे यहां 23 फरवरी तक रहेंग