जमशेदपुर। टाटानगर-खड़गपुर मेमू ट्रेन में तकनीकी खराबी के कारण ब्रेक प्रणाली की विफलता ने एक भयावह स्थिति को जन्म दिया। घाटशिला स्टेशन के समीप ट्रेन के चक्कों में घर्षण की वजह से आग लग गई, जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया।
इस दौरान चालक द्वारा ट्रेन रोकने का हरसंभव प्रयास विफल रहा, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेन अनियंत्रित होकर आगे बढ़ती रही। आग की लपटों और धुएं के बीच यात्रियों में भगदड़ मच गई।
लोग जान बचाने के लिए चलती ट्रेन से कूद पड़े, जिससे चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। काफी देर बाद चालक को ट्रेन रोकने में सफलता मिली। इसके बाद यात्रियों ने स्टेशन पर जमकर हंगामा किया
टाटानगर से खड़गपुर की ओर जाने वाली मेमू ट्रेन (संख्या 58021/58022) ने अपनी नियमित यात्रा प्रारंभ की थी। यात्रियों से भरी यह ट्रेन टाटानगर से घाटशिला स्टेशन के निकट पहुंची, तभी चालक ने स्पीड नियंत्रित करने के लिए ब्रेक लगाने का प्रयास किया, लेकिन ब्रेक नहीं लगा। ट्रेन की गति में कमी आने के बजाय वह अनियंत्रित होकर आगे बढ़ती रही। चालक की तत्परता और बार-बार किए गए प्रयास भी व्यर्थ साबित हुए।
ट्रेन के चक्कों में लगी आग
इस बीच, ट्रेन के चक्कों और रेल पटरियों के मध्य तीव्र घर्षण ने चिंगारियां उठने लगी, जो जल्द ही आग में परिवर्तित हो गईं। धुआं और आग की लपटें देखकर यात्रियों में भय का माहौल हो गया। कुछ यात्री, जो खिड़कियों और दरवाजों के समीप थे, अपनी जान बचाने के लिए चलती ट्रेन से कूद पड़े।
इस दौरान कई यात्रियों को चोटें आईं और कुछ के सामान ट्रेन में ही छूट गए। डिब्बों में चीख-पुकार और अफरातफरी का माहौल बन गया। महिलाएं अपने बच्चों को गोद में लेकर इधर-उधर भागने लगीं तो बुजुर्ग यात्री असहाय अवस्था में सहायता की गुहार लगा रहे थे।
किसी तरह ट्रेन को रोका गया
लगभग असंभव-सी प्रतीत होने वाली स्थिति में चालक और सहायक कर्मचारियों ने ट्रेन को घाटशिला स्टेशन के समीप रोकने में सफलता हासिल की, लेकिन तब तक आग ने ट्रेन के एक हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया था।
रेल प्रशासन पर उमड़ा आक्रोश
ट्रेन के रुकने के बाद यात्रियों का धैर्य जवाब दे गया। आक्रोशित यात्री घाटशिला स्टेशन पर एकत्रित होकर रेल प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे।