नई दिल्ली, 15 अप्रैल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस ओवरसीज यूनिट के प्रमुख सैम पित्रोदा के खिलाफ दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (चार्जशीट) दर्ज की है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट में सुमन दुबे और अन्य लोगों का नाम भी शामिल किया है. चार्जशीट पर संज्ञान लेने की सुनवाई 25 अप्रैल को तय की गई.
क्या है नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस?
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस इंडियन लिमिटेड, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और नेशनल हेराल्ड अखबार के बीच लेनदेन से जुड़ा है. आरोप है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के फंड्स का दुरुपयोग किया और AJL की संपत्ति को अपनी निजी नियंत्रण वाली कंपनी ‘यंग इंडियन’ में ट्रांसफर करवा दिया.
ED का आरोप है कि पार्टी फंड्स का गैरकानूनी ढंग से निजी लाभ के लिए उपयोग किया गया. जांच में पाया गया कि यंग इंडियन में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76 फीसदी हिस्सेदारी है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने AJL यानी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडिया की अभी तक करीब 751.9 करोड़ रुपये कीमत की प्रॉपर्टी जब्त की है. आरोप है कि करोड़ों की कीमत की ये प्रॉपर्टी अपराध से अर्जित आय से खरीदी गई थी. ED ने PMLA के तहत जब्ती की ये कार्रवाई दिल्ली, मुम्बई और लखनऊ में की है.
ED सूत्रों के मुताबिक, 661.69 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी AJL, जबकि करीब 90.21 करोड़ रुपये की प्रॉपटी यंग इंडिया से जुड़ी हैं.
ED ने साल 2014 में दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर AJL और यंग इंडिया के खिलाफ PMLA के तहत जांच शुरू की थी. जांच में पाया गया कि इस मामले से जुड़े आरोपियों ने यंग इंडियन के जरिए AJL की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी.
AJL को समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए सरकार द्वारा भारत के कई शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी. AJL ने 2008 में अपना प्रकाशन कार्य बंद कर दिया और संपत्तियों का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया. AJL को 90.21 करोड़ का कर्ज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को चुकाना था, हालांकि कांग्रेस पार्टी ने 90.21 करोड़ रुपये के इस कर्ज को माफ कर AJL को साजिशन एक नई कंपनी यंग इंडियन को महज 50 लाख रुपये में बेच दिया. इसके बाद यंग इंडिया के शेयर गांधी परिवार और उनके क़रीबियों को दे दिए गए यानी AJL की करोड़ों की संपत्ति और यंग इंडिया के जरिए परोक्ष रूप से गांधी परिवार का कब्जा हो गया.
हालांकि इससे पहले AJL ने एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग बुलाई और रेजोलुशन पास किया, जिसके बाद AJL में 1000 से अधिक शेयरधारकों की शेयरधारिता घटकर मात्र 1% रह गई और AJL, YI की सहायक कंपनी बन गई. यंग इंडिया ने एजेएल की संपत्तियों पर भी कब्जा कर लिया.
इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस, मोती लाल वोहरा और सुमन दुबे आरोपी हैं. ED इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ भी कर चुकी है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को ही कहा था कि उसने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति पर कब्जे के लिए नोटिस जारी किया है, जिसे उसने कांग्रेस नियंत्रित ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत कुर्क किया था. संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने सक्षम संपत्ति रजिस्ट्रार को संबंधित दस्तावेज सौंप दिए हैं, जहां संपत्तियां स्थित हैं.