गृह मंत्रालय ने बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा को Z श्रेणी की सुरक्षा दी है. सूत्रों के मुताबिक IB की थ्रेट रिपोर्ट के आधार पर उन्हें ये सुरक्षा दी गई है. इस बढ़ी हुई सुरक्षा व्यवस्था के तहत 89 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु को कुल 33 सुरक्षाकर्मी मिलेंगे, जिनमें उनके आवास पर तैनात सशस्त्र स्टैटिक गार्ड, चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करने वाले निजी सुरक्षा अधिकारी और शिफ्ट में सशस्त्र अनुरक्षण करने वाले कमांडो शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित ड्राइवर और निगरानी कर्मी हर समय ड्यूटी पर रहेंगे.
33 सुरक्षाकर्मियों में 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड शामिल हैं जो उनके घर पर रहेंगे. इसके अलावा 6 राउंड द क्लॉक पीएसओ,12 तीन शिफ्ट में आर्म्ड स्कॉर्ट के कमांडो, 2 वॉचर्स शिफ्ट में और 3 ट्रेंड ड्राइवर राउंड द क्लॉक सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे.
1959 से भारत में रह रहे दलाई लामा
तिब्बत में चीनी शासन से भागने के बाद तिब्बती आध्यात्मिक गुरु 1959 से भारत में रह रहे हैं. उनके वैश्विक प्रभाव और तिब्बत के इर्द-गिर्द संवेदनशील भू-राजनीतिक तनावों को देखते हुए भारत सरकार उन्हें उच्च-स्तरीय सुरक्षा कवर प्रदान करती है. पिछले कुछ वर्षों में, खुफिया रिपोर्टों ने चीन समर्थित अभिनेताओं सहित विभिन्न संस्थाओं से दलाई लामा के जीवन को संभावित खतरों का संकेत दिया है, जिससे उनकी सुरक्षा भारतीय अधिकारियों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है.
कई तरह की होती है सुरक्षा व्यवस्था
बता दें कि भारत सरकार की ओर से देश के कुछ लोगों को खास तरह की सिक्योरिटी दी जाती है. केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए पांच कैटेगरी बना रखी है. इसमें X, Y, Y+, Z और Z+ शामिल है. खतरे के हिसाब से व्यक्ति को सुरक्षा दी जाती है. कैटेगरी बढ़ने के साथ-साथ खर्चा भी बढ़ता जाता है. किस कैटेगरी की सुरक्षा पर कितना खर्चा होता है, इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है. हालांकि, अनुमान है कि Z+ कैटेगरी की सुरक्षा पर हर महीने 15 से 20 लाख रुपये का खर्चा आता है. सके अलावा एक एसपीजी सिक्योरिटी होती है, जो सिर्फ देश के प्रधानमंत्री को मिली है. एसपीजी एक अलग फोर्स की तरह है, जो सिर्फ प्रधानमंत्री को कवर करती है.