EPFO के 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स को मिलने वाली है खुशखबरी! ,EPFO पेंशन 7 गुना, आठवें वेतन आयोग का गठन,बजट में हो सकती है घोषणा

नई दिल्ली: ईपीएफओ के करोड़ों सब्सक्राइबर्स को इस बार के बजट में गुड न्यूज मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स की मिनिमम मंथली पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये की जा सकती है। पेंशनर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मिलकर मिनिमम मंथली पेंशन बढ़ाने की मांग की थी। फाइनेंस मिनिस्टर ने उनकी मांग पर विचार करने का भरोसा दिया है। फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। इसी सिलसिले में 10 जनवरी को ईपीएस-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी ने सीतारमण से मुलाकात की थी।
इससे पहले श्रमिक संगठनों ने भी सीतारमण के साथ बैठक की थी। उन्होंने वित्त मंत्री से ईपीएफओ के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन को पांच गुना करने, आठवें वेतन आयोग के तत्काल गठन और अत्यधिक अमीर लोगों (सुपर रिच) पर अधिक कर लगाने की मांग की थी। लेकिन ईपीएस-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी ने 5,000 रुपये की पेंशन को नाकाफी बताते हुए कहा कि इससे बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक समिति ने दावा किया कि सरकार ने 2024 में न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रुपये कर दी थी लेकिन कई पेंशनर्स को अब भी इससे कम पेंशन मिल रही है।
कितना कटता है कंट्रीब्यूशन
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों की बेसिक सैलरी पर 12 फीसदी की कटौती ईपीएफ खाते के लिए की जाती है। साथ ही कंपनी भी इतना ही पैसा कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा करती है। एम्प्लॉयर की तरफ से जमा किए जाने वाले पैसों में से 8.33 फीसदी हिस्सा ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में जाता है, जबकि बचा हुआ 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जाता है।
… बजट से पहले किसने रखी ये डिमांड

सीतारमण के साथ अपनी परंपरागत बजट-पूर्व बैठक में श्रमिक संगठनों के नेताओं ने आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये सालाना करने, अस्थायी कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना लाने और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की भी मांग की। ट्रेड यूनियन को-आर्डिनेशन सेंटर (TUCC) के राष्ट्रीय महासचिव एसपी तिवारी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार को सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की पहल पर रोक लगानी चाहिए और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि जुटाने के लिए बेहद अमीर लोगों पर अतिरिक्त दो प्रतिशत कर लगाना चाहिए। उन्होंने कृषि क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा दिए जाने और उनकी न्यूनतम मजदूरी भी तय किए जाने की मांग रखी।

ईपीएफओ पेंशन

भारतीय मजदूर संघ के संगठन सचिव (उत्तरी क्षेत्र) पवन कुमार ने कहा कि कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस-95) के तहत देय न्यूनतम पेंशन को पहले 1,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 5,000 रुपये मासिक किया जाना चाहिए और फिर इसमें वीडीए (परिवर्तनीय महंगाई भत्ता) को भी जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पेंशन से होने वाली आय को कर से मुक्त किए जाने की मांग भी सरकार से की। कुमार ने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए आठवें वेतन आयोग का तत्काल गठन किया जाना चाहिए।

श्रमिक संगठन भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) के राष्ट्रीय सचिव स्वदेश देव रॉय ने इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि फरवरी, 2014 में सातवें वेतन आयोग का गठन होने के बाद से 10 साल से अधिक समय बीत चुका है। देव रॉय ने सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों में स्थायी कर्मचारियों की संख्या में आई भारी गिरावट पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में इन उपक्रमों में 21 लाख स्थायी कर्मचारी थे लेकिन 2023-24 में यह संख्या घटकर आठ लाख से थोड़ी अधिक रही।

अलग बजट आवंटन

नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (NFITU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक जायसवाल ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के लिए अलग से बजट आवंटन की मांग की।

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