बिहार स्पॉन्ज को फिर चालू करने का मनोज का मनोहारी खेल : एडेलवाइज को हटाकर कोटक को लाने का मतलब

चांडिल. चांडिल स्थित बिहार स्पॉन्ज आयरन लिमिटेड द्वारा अधिकृत वेंडर कंपनी वनराज स्टील ने संभवतः फिर किसी नए फाइनेंसर को ढूंढ़ कर फैक्ट्री चालू करने की तैयारी की है. प्लांट चालू करने के लिए दो किलन को चार्ज करने और ग्राम समिति के साथ बैठक कर इसका संकेत दिया जा रहा है. इस बार वहां वर्करों की संख्या घटाने की योजना भी बनायी गयी है. दरअसल उक्त वेंडर स्टील कंपनी का उद्देश्य बिहार स्पॉन्ज को सुचारु रूप से चलाना अभी तक नहीं दिखा. उसकी निगाह में मुख्य रूप से बिहार स्पॉन्ज की रेल साइडिंग का इस्तेमाल करना ही दिखता है. यहाँ पर आधुनिक पावर एन्ड नेचुरल रसोर्सज़ लि के लिए पावर प्रोडक्शन हेतु लिंकेज का हाई ग्रेड कोयला उतारा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि लिंकेज का यह हाई ग्रेड कोयला पूरी तरह पावर प्लांट में नहीं पहुँचता. लिंकेज में सरकारी उपक्रम कोल इंडिया के अधीन कंपनियों का हाई ग्रेड कोयला पावर प्लांट के लिए अलॉट करा कर लाया जाता है. लिंकेज में यह कोयला अनुमानतः अगर डेढ़ हज़ार प्रति टन मिला तो बाजार में 5 हजार प्रति टन बिकता है. सूत्रों ने बताया कि यह हाई ग्रेड कोयला पावर प्लांट तक नहीं पहुँचता और लो ग्रेड का कोयला लोकल ट्रेडरों से लेकर साइडिंग पर ही मिला कर पावर प्लांट को भेजा जाता है. फिर लिंकेज का हाई ग्रेड पावर प्लांट के निमित्त आया कोयला और कहाँ जाता है और इसमें कौन शामिल हैं, इसकी जाँच करायी जाय तो अनेक चौकाने वाले तथ्य सामने आएं. स्थानीय ग्राम वासियों को रोजगार और कारोबार का सब्ज़ बाग दिखाकर यह खेल खेला जा रहा. वनराज के लोग ही आधुनिक पावर के कर्ताधर्ता हैं. आधुनिक पावर एन्ड नेचुरल रिसोर्सज लि में भी “एडेलवाइज ” नामक वित्तीय संस्थान की जगह अब कोटक बैंक को लाने की तैयारी हो गयी है. एडेलवाइज के एक वाइस प्रेसिडेंट के साथ आधुनिक पावर एन्ड नेचुरल रिसोर्सज़ के लोगों का मधुर संबंध रहा. वाइस प्रेसिडेंट के लिए दुबई तक शॉपिंग होती रही. आश्चर्य है उसके साथ लेन देन का क्या मामला बिगड़ा कि अब उसके कर्ज को टेक ओवर करने के लिए कोटक को राजी किया गया .

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