जमशेदपुर :- पूर्वी सिंहभूम जिला के छात्राओं को फूलों की खेती का हुनर सिखाया जायेगा। ताकि 12वीं पास करने के बाद छात्राएं स्वयं सहायता समूह बनाकर फूलों की खेती कर स्वरोजगार कर सके। इसका प्रयोग कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों से शुरु होगा।
कस्तूरबा की छात्राओं को फूलों की खेती का प्रशिक्षण दिया जायेगा। किचन गार्डेनिंग के साथ उन्हें फूलों की खेती के गुरु बताये जायेंगे। इसका प्रस्ताव तैयार हो चुका है। मार्च माह से यह प्रशिक्षण प्रारंभ हो जायेगा। इसके लिए जिला कृषि विभाग एवं बागवानी विभाग से बातचीत की जा चुकी है। इस कौशल कला को विकसित करने का प्रारुप एपीओ अखिलेश कुमार ने बनाया है।
कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं से भी इस बारे में मदद ली जायेगी। इस प्रस्ताव को झारखंड शिक्षा परियोजना से भी स्वीकृति मिल चुकी है। अब केवल इसे धरातल पर उतारना बाकी रह गया है।
कक्षा नवम की छात्राओं को मिलेगा प्रशिक्षण
फूलों की खेती का प्रशिक्षण कक्षा नवम की छात्राओं को दिया जायेगा। ताकि 12वीं के बाद उन्हें स्वरोजगार मिल सके। जमशेदपुर में इसकी अच्छी खासी डिमांड है। शहर में फूलों की आपूर्ति पूरी तरह पश्चिम बंगाल पर निर्भर है। जिले दस-12 लोग है जो फूलों की खेती कर रहे हैं। इस प्रशिक्षण के दौरान छात्राएं इन लोगों से भी मुलाकात करेगी, ताकि उनके अनुभव को प्राप्त कर आगे की तैयारी कर सके।
यह अच्छा प्रस्ताव है, इसे लागू करने के निर्देश दिए गए है। कस्तूरबा की छात्राएं हॉस्टल में रहती है। इसका फायदा उन्हें मिलेगा। फूलों की खेती में छात्राओं का मन भी लगा रहेगा। – शिवेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम।