Ranchi: पश्चिम बंगाल सरकार के द्वारा आलू का ट्रक झारखंड आने से रोकने का फैसला लिए जाने से राज्य में चिंताएं बढ़ने लगी हैं.
पश्चिम बंगाल और झारखंड के बॉर्डर एरिया में आलू लदी कई गाड़ियां पिछले कुछ दिनों से खड़ी हैं. बंगाल पुलिस आलू लदे हर गाड़ी की हर जांच कर रही है और यहां तक कि उन्हें बंगाल से बाहर दूसरा राज्यों में नहीं जाने दे रही. इससे ओड़िशा, झारखंड सहित बंगाल के आसपास के राज्यों में आलू के दाम बढ़ते जा रहे हैं और किल्लत की स्थिति भी पैदा हो रही है.
इसे लेकर प्रदेश भाजपा नेताओं, झारखंड चैंबर ने चिंता जाहिर की है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मसले पर सीएम हेमंत सोरेन को आगे बढ़कर एक्शन लेने की अपील की है। कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार के निर्णय ने झारखंड में रोजमर्रा की जिंदगी में महंगाई की चिंता बढ़ा दी है. बंगाल से आलू लेकर झारखंड आ रहे सैकड़ों ट्रकों को वापस लौटाया जा रहा है. सब्जी मंडियों में भी महज कुछ दिनों का ही स्टॉक बचा हुआ है. आवक कम होने के कारण आलू की कीमतें आसमान छूती जा रहीं हैं और आमजनों के रसोई से आलू गायब होती जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत से निवेदन है कि तत्काल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से वार्ता करें. इस समस्या का निदान करें और झारखंड में आलू की पर्याप्त अपूर्ति सुनिश्चित करें ताकि राज्यवासियों को बढ़ती महंगाई से राहत मिल सके.
ममता की तानाशाही
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने आलू की सप्लाई झारखंड में रोके जाने के फैसले कोममता सरकार की गुंडागर्दी व तानाशाही रवैया बताया है. कहा है कि बंगाल से आलू लेकर झारखंड आ रहे सैकड़ों ट्रकों को वापस लौटाया जा रहा है.
आलू की कीमतें आसमान छूती जा रहीं हैं और झारखंड का आम जन मानस परेशान है. अमर के मुताबिक, INDI गठबंधन का चेहरा देखिए कि बीते दिनों ममता झारखंड में शपथ ग्रहण में शामिल हुई थी और आज झारखंड को ही परेशान कर रही हैं. श्री बाउरी ने मुख्यमंत्री हेमंत से ममता सरकार का प्रतिकार करने को कहा है. यह भी कि अपनी राजनीति के कारण झारखंड की अर्थव्यवस्था को ममता सरकार के द्वारा हाईजैक मत होने दीजिए. इस मामले पर झारखंड चैंबर के पदाधिकारियों ने भी झारखंड सरकार से समुचित पहल करने की अपील की है.