जममशेदपुर, 11 सितंबर (रिपोर्टर) : शिकागो दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला समिति की ओर से सोनारी के चित्रगुप्त भवन में ‘राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका’ विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया. उद्घाटन के बाद तकनिकी सत्र में अन्य अतिथि वक्ताओं ने अपने पेपर प्रस्तुत किये, जिसे बाद में समिति द्वारा प्रकाशित करायी जाएगी. सेमिनार का उद्घाटन टाटा स्टील के वीपी (ऑपरेशन्स) चैतन्य भानु ने किया. अन्य अतिथियों में झारखंड पुलिस के अवकाशप्राप्त डीआईजी दीपक सिन्हा, रांची सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर डा. जेपी लाल और जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के कुलपति डा. पीके वाजपेयी, पटना के डा. शंभू शरण प्रसाद मौजूद थे.
मुख्य अतिथि श्री भानु ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका काफी अहम है, लेकिन पुरानी शिक्षा नीति के कारण अपने रोल मॉडल का चयन बेहतर ढंग से नहीं कर पा रहे हैं. आज भी बच्चों के चरित्र निर्माण, संस्कृति व सभ्यता पर जोर नहीं दिया जाता है, जिसकारण युवा शिक्षा हासिल कर सिर्फ नौकरी के पीछे दौड़ लगाते हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं की ऊर्जा बेहतर उपयोग कर हम देश का समुचित विकास कर सकते हैं. इसलिये हमें स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों पर चलने की जरुरत है. इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत समिति के संयोजक ए के श्रीवास्तव, संचालन संजीव तथा धन्यवाद ज्ञापन समिति के सह संयोजक अजय कुमार श्रीवास्तव ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में अभय सिंह, शशांक शेखर, अशोक दुबे, निशिथ गिरी, टीटू दास आदि की सराहनीय भूमिका रही.
रील बनाने में नहीं, चरित्र निर्माण पर दें जोर
विशिष्ट अतिथि दीपक सिन्हा ने कहा कि आजकल के युवा रील बनाने में अधिक व्यस्त हैं, जबकि राष्ट्र निर्माण व राष्ट्र की गरिमा बनाये रखने के लिये हमें चरित्र निर्माण की जरुरत अधिक है. यह समझना होगा कि राष्ट्र निर्माण में हमारी भूमिका क्या हो सकती है. आज भी भारत में अन्य कई विकसित देशों की तुलना में युवाओं की संख्या अधिक है. एक कहावत है कि जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है. इसलिये युवाओं को सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के वोटर बनने के बजाय राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगना चाहिये.