बांग्लादेश में हिंदुओं को बनाया जा रहा है निशाना,अराजक स्थिति ,एक्ट्रेस प्रीति जिंटा ने कहा- हिंदुओं को बचाए सरकार

शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. इसके बाद भी वहां अराजक स्थिति बनी हुई है. लूटपाट और डकैती की घटना के बीच हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. हिंदुओं और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर अत्याचार की खबरें लगातार आ रहीं हैं. कुछ वीडियो भी सोशज मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के घरों में लूटपाट और तोड़फोड़ की जा रही है, जिससे हिंदुओं में भय का माहौल है.
शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में अराजक स्थिति बनी हुई है जिसको लेकर लगातार प्रतिक्रिया सामने आ रही है.
अब बॉलीवुड से भी रिएक्शन सामने आने लगे हैं. एक्ट्रेस प्रीति जिंटा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मामले को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने लिखा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक आबादी के खिलाफ हिंसा की खबर सुनकर दुखी हूं. वहां लोगों की जान जा रही है. परिवार विस्थापित हो रहे हैं. आगे एक्ट्रेस ने लिखा कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया. पूजा स्थलों को तोड़-फोड़ कर जला दिया गया. उम्मीद है कि नई सरकार हिंसा को रोकने का प्रयास करेगी. सरकार अपने लोगों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी. मेरी संवेदनाएँ और प्रार्थना उन सभी के लिए हैं जो कठिनाई का सामना कर रहे हैं. अपने इस पोस्ट के साथ उन्होंने #SaveBangladesiHindus टैग किया है.

45 जिलों में हिंदुओं के खिलाफ फैली हिंसा

हिंसा के कारण बड़ी संख्या में हिंदू जान बचाने के लिए बांग्लादेश छोड़ कर भागने पर मजबूर हो रहे हैं. वे भारत आना चाहते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के 64 में से 45 जिलों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा फैल चुकी है. इस हफ्ते हुई झड़पों में एक स्कूल शिक्षक की जान गई जबकि 45 अन्य घायल हो गये. बांग्लादेश के पंचगढ़, दिनाजपुर, बोगुरा, रंगपुर के अलावा शेरपुर किशोरगंज, सिराजगंज, मुगरा, नरैल, पश्चिम जशोर, पटुआखली, दक्षिण-पश्चिम खुलना, मध्य नरसिंगड़ी, सतखीरा, तंगैल, फेनी चटगांव, उत्तर-पश्चिम लक्खीपुर और हबीगंज जैसी जगहों से हिंसा की खबर आ रही है.
बांग्लादेश में डर के साये में जी रहे हिंदू पलायन करने को मजबूर हैं जिसने भारत की चिंता बढ़ा दी है. पिछले दो-तीन दिनों से भारत की सीमा पर सैकड़ों बांग्लादेशी पहुंच रहे हैं, वे उम्मीद की नजर से भारत की ओर देख रहे हैं. वह भारत में पनाह पाने की आस में हैं, लेकिन बीएफएफ की सतर्कता की वजह से उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दिया जा रहा है.
मोदी सरकार हुई एक्टिव

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की निगरानी के लिए एक हाई लेवल समिति का गठन किया है. समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संपर्क करेगी. ऐसा इसलिए ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इस समिति की अध्यक्षता एडीजी (अतिरिक्त महानिदेशक), बीएसएफ, पूर्वी कमान को सौंपी गई है. बीएसएफ एडीजी के अलावा समिति के चार अन्य सदस्यों में दक्षिण बंगाल सीमांत के लिए बीएसएफ के आइजीपी भी शामिल हैं. इनके अलावा समिति में त्रिपुरा सीमांत के लिए आइजीपी, भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के सदस्य (योजना एवं विकास) और एलपीएआइ के सचिव को रखा गया है.

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