महाराष्ट्र में नीट पेपर लीक मामले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक जैसे ही परीक्षा की तारीख सामने आई थी, वैसे ही आरोपियों ने छात्रों को लुभाने के लिए व्हाट्स एप ग्रुप बनाया था. जांच में ये भी पता चला है कि किसी भी परीक्षा की तारीख आते ही उसकी पढ़ाई कर रहे छात्रों का व्हाट्स एप ग्रुप बनाकर आरोपी उन्हें वो एग्जाम पास करवाने का आश्वासन देते थे.
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि वे चार तरह से छात्रों की मदद करने का आश्वासन उन्हें देते थे. पहला रास्ता था पेपर लीक करके. दूसरा रास्ता था पेपर में डमी परीक्षार्थी बैठाकर. तीसरा रास्ता था परीक्षा का सेंटर उनके हिसाब से दिलवाना और चौथा रास्ता था परीक्षा के बाद दोबारा से उस विद्यार्थी की आंसर शीट लेकर सही जवाब लिखकर फिर से जमा करवाना.
छात्रों से लिए लाखों रुपये
सूत्रों ने बताया कि छात्रों को चारों तरीकों में से जो तरीका पसंद होता है, उसके हिसाब से आरोपी पैसों की मांग करते थे. पुलिस को मिले व्हाट्सएप चैट से पता चला है कि आरोपियों ने कई छात्रों से लाखों रुपये लिए हैं. चैट्स में ये भी दिखाई दिया है कि आरोपियों ने दूसरे राज्य के छात्रों से भी पैसे लिए हैं.
पेपर लीक मामले में हुई पहली गिरफ्तारी
नीट पेपर लीक मामले में महाराष्ट्र में पहली गिरफ्तारी करते हुए लातूर पुलिस ने जलील खान पठान को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक NEET परीक्षा में हुई धांधली का कनेक्शन महाराष्ट्र के लातूर जिले से भी सीधे तौर पर जुड़ा हुआ हो सकता है. इस मामले में अब तक चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जिसमें संजय तुकाराम जाधव, जलील उमरखान पठान, मष्णाजी कोनगलबार और गंगाधर को आरोपी बनाया गया है.