: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पेंशन से जुड़े नियमों को आसान बनाया है. इसका असर ईपीएफओ के 78 लाख से अधिक पेंशनधारियों पर पड़ने वाला है. पेंशन लेने वालों को हर साल जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करना जरूरी होता है. ईपीएफओ के अनुसार, अब घर बैठे फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी की मदद से जीवन प्रमाण पत्र जमा किया जा सकेगा.
पेंशनधारकों को होती थीं बहुत समस्याएं
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पहले पेंशनधारकों को जीवन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बैंकों में जाना पड़ता था. इसमें कई चुनौतियां आती थीं और ईपीएफओ को शिकायतें भी मिल रही थीं. ईपीएफओ ने साल 2015 में अपने पेंशनधारकों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (Digital Life Certificate) अपनाया था. ईपीएफओ बायोमेट्रिक आधारित डीएलसी स्वीकार करता है. बायोमेट्रिक डीएलसी जमा करने के लिए भी पेंशनभोगी को किसी बैंक, डाकघर, कॉमन सर्विस सेंटर या ईपीएफओ कार्यालय की शाखा में जाना पड़ता है. इन्हीं जगहों पर फिंगरप्रिंट और आईरिस कैप्चर डिवाइस उपलब्ध हैं.
फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी से घर बैठे बनेगा जीवन प्रमाण पत्र
अब बुजुर्गों की तकलीफ को देखते हुए MeitY और UIDAI ने फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) विकसित की है. इसकी मदद से जीवन प्रमाण पत्र के लिए फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है. ईपीएफओ ने जुलाई, 2022 में इस तकनीक को अपनाया. इसकी मदद से पेंशनधारी अपने घरों से डीएलसी जमा कर सकते हैं. वो घर बैठे किसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन की मदद से अपना जीवन प्रमाण पत्र उपलब्ध करा सकते हैं. इसमें चेहरे के स्कैन से पेंशनभोगी की पहचान हो जाती है. इसमें UIDAI के फेस रिकग्निशन एप का उपयोग किया जाता है.
वर्ष 2023-24 में 6.6 लाख लोगों ने किया इस सेवा का इस्तेमाल
वर्ष 2022-23 में 2.1 लाख पेंशनधारकों ने फेशियल ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी आधारित डीएलसी जमा कराए थे. यह संख्या वर्ष 2023-24 में बढ़कर 6.6 लाख हो गई. साल 2023-24 में लगभग 10 फीसदी लोगों ने एफएटी आधारित डीएलसी जमा कराए. पिछले वित्त वर्ष के दौरान पेंशनभोगियों से कुल मिलाकर लगभग 60 लाख डीएलसी प्राप्त हुए थे. ईपीएफओ की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पेंशनधारी इसी तकनीक की मदद से जीवन प्रमाण पत्र जमा कराएं.