बाराती बनकर ईचागढ़ पहुंचे खनन पदाधिकारी और पकड़ लिया 11 हाइवा, बालू माफियाओं में हड़कंप

चांडिल। सरायकेला खरसावां जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सथपति ने अवैध बालू खनन के विरुद्ध छापेमारी के लिए बहुत ही नायाब तरीका अपनाया था, जिसमे उन्हें बड़ी सफलता मिली है। बीती रात को जिला खनन पदाधिकारी अपने टीम के साथ ईचागढ़ पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने बालू लदे 11 हाइवा तथा एक जेसीबी मशीन को जप्त किया है।

बीती रात को उपायुक्त के निर्देश पर खनन पदाधिकारी ने ईचागढ़ थाना क्षेत्र के विरडीह गांव के समीप झाड़ियों में छिपाए गए 11 हाइवा को जप्त किया है। वहीं, बालू खनन कार्य कर रहे एक जेसीबी मशीन को जप्त किया है। हालांकि, खनन पदाधिकारी के छापेमारी के दौरान कई वाहन भागने में सफल रहे।

क्यों बाराती बनकर करना पड़ा छापेमारी

बीती रात को जिला खनन पदाधिकारी ने अपने वाहन तथा छापेमारी में शामिल अन्य वाहनों पर बाराती का पोस्टर चस्पा दिया था। उन पोस्टर में अविनाश वेड्स अंजू लिखा हुआ था। इससे अवैध बालू माफियाओं को छापेमारी की भनक तक नहीं लगी। इस प्रकार बाराती बनकर खनन पदाधिकारी व उनकी टीम ने 11 बालू लदे हाइवा और एक जेसीबी मशीन को पकड़ लिया। जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सथपति ने बताया कि प्रायः छापेमारी की सूचना लीक हो जाती हैं और बालू कारोबारियों को जानकारी मिल जाती हैं। वहीं, राज्य के विभिन्न जिलों में बालू खनन के विरुद्ध छापेमारी के दौरान कई घटनाएं भी सामने आई हैं। इसके लिए आला अधिकारियों द्वारा सुरक्षा को लेकर एतिहात बरतने को कहा जाता है। इसलिए शुक्रवार की रात को छापेमारी वाहनों में बाराती का पोस्टर चस्पा कर छापेमारी की गई, जिसमें बड़ी सफलता मिली है। जप्त किए गए वाहन तथा जेसीबी मशीन के मालिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी कीमत पर अवैध खनन कार्य जिले में चलने नहीं दिया जाएगा।

दरअसल, चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में हो रहे अवैध बालू खनन का गोरखधंधा चर्चाओं में है। समय – समय पर इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की जाती हैं। विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अवैध खनन की खबरें सुर्खियों में रहती हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही होती हैं। बालू माफियाओं की साठगांठ प्रशासनिक अधिकारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य के बड़े ओहदे के मंत्री और विधायक तक पहुंच रखते हैं। रातभर खुलेआम चांडिल अनुमंडल के ईचागढ़, तिरुलडीह तथा नीमडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर अवैध बालू खनन किया जाता हैं और उन्हें हाइवा से परिवहन किया जाता हैं। नदी से अवैध बालू उठाव करके उन्हें खुलेआम मुख्य सड़कों से होकर ले जाया जाता है। इस अवैध गौरखधंधे में स्थानीय पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में आ चुकी हैं। पुलिस के कार्यशैली की चर्चा हर चौक चौराहे पर हो रही हैं। दूसरी ओर संबंधित विभाग भी रसूखदार मंत्रियों और विधायकों के डर से अवैध खनन के विरुद्ध कार्रवाई करने से डरते हैं। यदि कोई अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत जुटा लेते हैं तो उन्हें ट्रांसफर करवाने या सस्पेंड करवाने की धमकी दी जाती हैं। एक अधिकारी ने बताया कि अवैध बालू माफियाओं ने उन्हें मोटी रकम देने की पेशकश की थी, जब उन्होंने रकम लेने या अवैध कारोबार को समर्थन करने से साफ मना कर दिया तो उन्हें ट्रांसफर करवाने की चेतावनी दी गई हैं।

Share this News...