झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर शुक्रवार (17 मई, 2024) को सुप्रीम कोर्ट नेसुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई अब 21 मई, 2024 को एक अवकाश बेंच करेगी। हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से चुनाव प्रचार के आधार पर जमानत की माँग की थी।
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के सामने लगाई गई थी। शुक्रवार को कोर्ट ने इस याचिका को लेकर कोर्ट ने सुनवाई करने से मना किया और कहा कि इसे 21 मई, 2024 को एक अवकाश बेंच के सामने लगाया जाए जहाँ इसकी सुनवाई होगी।
हेमंत सोरेन की इस याचिका को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से पेश हो रहे एडिशनल सोलिसिटर जनरल एसवी राजू ने और समय की माँग की, इस पर बेंच ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह की जाए। इस दौरान एसवी राजू ने हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत का विरोध भी किया।
ED की तरफ से पेश हो रहे एसवी राजू ने कहा कि 4 चरणों का चुनाव पहले ही हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि सोरेन को 31 जनवरी, 2024 को ही गिरफ्तार कर लिया गया था और उनकी सामान्य जमानत के लिए लगाई गई याचिका भी खारिज हो चुकी है।
गौरतलब है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 जनवरी, 2024 को ED ने जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया था। इसे पहले ED ने उनको कई समन भेजे थे जिन पर उन्होंने जवाब नहीं दिया था। इसके बाद ED ने उन्हें उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था।
हेमंत सोरेन की चुनाव प्रचार सम्बन्धित अंतरिम जमानत की यह याचिका दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को मिली जमानत के बाद लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में ED द्वारा गिरफ्तार अरविन्द केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए 1 जून तक की जमानत दे दी थी।
हेमंत सोरेन द्वारा लगाई गई याचिका में इसी आदेश का उदाहरण दिया गया था और कहा गया था कि उन्हें भी इसी आधार पर चुनाव प्रचार के लिए जमानत दी जाए। हालाँकि, यह मामला अब 21 मई को सुना जाएगा।