जमशेदपुर, 9 जनवरी (रिपोर्टर) : वरीय आरक्षी अधीक्षक अनूप बिरथरे और हजारीबाग के आरक्षी अधीक्षक मयूर पटेल कन्हैया लाल को कल राज्य सरकार ने सीनियर सलेक्शन ग्रेड में प्रोन्नति नहीं दी. इसके पीछे मुख्य वजह यह बताया जाता है कि इन्होंने एक ट्रेनिंग नहीं ली है जो इस ग्रेड में प्रोन्नति के लिए आवश्यक होता है.
सरकार के इस कड़ाई को एक संकेत के रूप में समझा जा रहा है कि अधिकारी अपने कामकाज में इतनी सावधानी रखें कि उन पर किसी खास का धब्बा न लग जाए और नियम कायदे से छूट मिले. कल विधानसभा में मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में अधिकारियों के लिए मुख्य रूप से पांच गाइड लाइन भी दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी वंचितों और आम लोगों के लिए सजग और जिम्मेदार रहे, जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाए रखे, कायदे कानून में रह कर समय के पाबंद हो, वंचितों के प्रति संवेदनशील हो. वैसे भी भारतीय प्रशासनिक सेवा हो या भारतीय पुलिस सेवा इस संवर्ग के अधिकारियों आम लोगों को बहुत उम्मीद होती है और आधिकारियों के भी यह शपथ दिलाई जाती है कि वे संविधान को सामने रख कर वे काम करेंगे और रूल ऑफ लॉ कायम करेंगे.
पिछले शासन काल में कुछ अधिकारियों ने जो करतब दिखाए उसका भी राज्य में हुए सत्ता पलट में बहुत बड़ा नकारात्मक योगदान दिखा. अधिकारी कानून और संविधान को भूलकर व्यक्ति विशेष की इच्छा का पालन करने में रेंगने लगे और झंडा तक उठा लिए.