फ्लोर टेस्ट में निर्दलीय विधायक सरयू राय ने चौंकाया? जानें- ऐसा क्या हुआ

झारखंड में आज मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया. प्रदेश की 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया जबकि 29 विधायकों ने इसके खिलाफ वोटिंग की. वहीं निर्दलीय विधायक सरयू रॉय ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा ही नहीं लिया. विधानसभा में मतदान के दौरान 77 विधायक उपस्थित रहे.

झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सत्तारूढ़ गठबंधन को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (लिबरेशन) के इकलौते विधायक ने बाहर से समर्थन दिया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत विपक्षी गठबंधन में भाजपा के 26 और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के तीन विधायक हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के एक मामले में पिछले सप्ताह हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. इसके बाद झामुमो के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. चंपई सोरेन को सदन में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का वक्त दिया गया. उन्होंने फैसला किया था कि वह पांच फरवरी को विश्वास मत हासिल करेंगे.

हेमंत सोरेन अभी ईडी की हिरासत में हैं. उन्हें विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने विश्वास मत में हिस्सा लेने की अनुमति दी थी. सत्तारूढ़ गठबंधन के करीब 38 विधायक विश्वास मत के मद्देनजर भाजपा द्वारा ‘खरीद-फरोख्त’ की आशंका के बीच दो फरवरी को दो विमानों से कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद ले जाए गए थे. वे विश्वास मत से पहले रविवार शाम को रांची लौटे थे

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