झारखंड की सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। चंपई सोरेन सरकार के पक्ष में 47 मत पड़े जबकि विपक्ष में 29 मत ही पड़े। तीन सदस्य अनुपस्थित रहे। इसके साथ ही राज्य में 31 जनवरी से चल रहे सियासी उठापटक का पटाक्षेप हो गया। इससे पहले गठबंधन सरकार के सभी विधायक हैदराबाद में डेरा डाले हुए थे। इन तमाम घटनाक्रमों के केंद्र में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस्तीफा रहा। भूमि घोटाले में ईडी द्वारा हेमंत की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी आज विश्वास मत में हिस्सा लिया। इस दौरान अपने वक्तव्य में भारतीय जनता पार्टी पर जमकर बरसे और कहा कि यदि जिस भूमि मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है यदि वह भूमि उनके नाम हुई तो वे राजनीति छोड़ देंगे।