मनोनीत मुख्यमंत्री चंपई सोरेन आज दोपहर सवा 12:00 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।इसके लिए राज भवन में तैयारी जोरों पर है ।चंपई सोरेन के साथ आलमगीर आलम उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे ।इनके अलावा राजद कोटे के सत्यानंद भोसा भी मंत्री पद की शपथ लेंगे।
आज केवल इन चार लोगों को ही शपथ दिलाई जाएगी ।5 फरवरी को चंपई सोरेन विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे। कल रात राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया था और बहुमत साबित करने के लिए 10 दोनों का समय दिया था। अभी यह तय नहीं हो पाया है कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में तमाम विधायक शामिल होंगे या नहीं ।फिलहाल सभी सत्ताधारी विधायकों को सर्किट हाउस में रखा गया है। सूत्रों का कहना है कि करीब 35 विधायकों को हैदराबाद ले जाने की तैयारी है ।संभवत शपथ ग्रहण समारोह के बाद इन सभी विधायकों को हैदराबाद ले जाया जाएगा। कुछ विधायक अभी रांची में ही रहेंगे। संभवत 5 फरवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के ठीक पहले सभी विधायकों को हैदराबाद से वापस रांची लाया जाएगा।
चंपई सोरेन ने आज चंपई सोरेन ने जम्मू में सुप्रीम से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया चंपई सूर्य ने कहा कि वह गुरु जी के शिष्य हैं। चंपई सोरेन सरायकेला के विधायक हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठतम नेताओं में शामिल रहे हैमुख्यमंत्री के शपथ लेने वाले भी कोल्हान के चौथे मुख्यमंत्री होंगे ।उनके पहले अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा और रघुवर दास कोल्हान से मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में मुख्यमंत्री न होने की वजह से’भ्रम’ की स्थिति बन गई थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था. राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया है. अब वह तय करेंगे कि शपथ कब लेनी है. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि चंपई सोरेन को अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. कांग्रेस राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन की सहयोगी पार्टी है.
यह पूछे जाने पर कि चंपई सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ कब लेंगे, राजेश ठाकुर ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के राज्य में प्रवेश करने से पहले शुक्रवार को दोपहर तक शपथ ले ली जाए. इससे पहले, चंपई सोरेन ने झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के एक प्रतिनिधिमंडल को लेकर गुरुवार को राज्यपाल राधाकृष्णन से मुलाकात की और राज्य में भ्रम की स्थिति होने के चलते सरकार गठन के उनके अनुरोध को यथाशीघ्र स्वीकार करने का अनुरोध किया.