बड़ी खबर है कि सीएम हेमंत सोरेन के घऱ से ED की टीम लौट गई है, इनके सबके बीच मुख्यमंत्री कार्यालय झारखंड ने ईडी को पत्र लिखा है और कहा कि कि 31 जनवरी को मुख्यमंत्री पेश हो सकते हैं. मनी लॉन्ड्रिंग औऱ खननघोटाले में हेमंत सोरेन से पूछातछ केलिए ईडी की टीम समन कर रही है लेकिन सोरेन पेश नहीं हो रहे हैं.
31 जनवरी को पेश होंगे हेमंत सोरेन, ED को पत्र और ईमेल के जरिए दी जानकारी
जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम आज सुबह 7 बजे राजधानी दिल्ली स्थित हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंची. ईडी की यह टीम जब हेमंत सोरेन के दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके शांति निकेतन में उनके आवास पर पहुंची तो वह गायब मिले. कहा जा रहा है कि सोरेन आधी रात तक घर पर ही मौजूद थे लेकिन बाद में वह किसी अज्ञात जगह पर चले गये. ईडी की टीम को अभी तक हेमंत सोरेन की मौजूदा लोकेशन का पता नहीं चल पाया है.
अब ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से आधिकारिक पत्र भेजा गया है. आज ही प्रेषित किए गए पत्र और ईमेल में ईडी को 31 जनवरी को पूछताछ के लिए समय की जानकारी दी गई है.
ईडी की टीम उनसे जमीन घोटाले में पूछताछ करना चाहती हैं. सूत्रों की मानें तो इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. उनके आवास के बाहर और अंदर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नया समन जारी किए जाने के बाद सोरेन अचानक दिल्ली पहुंचे थे.
जेएमएम को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की आशंका
जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि ईडी की ओर से हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए 31 जनवरी तक का समय बताने के लिए कहा गया था, लेकिन इस तरह की कार्रवाई जंगलराज का परिचायक है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए कहा कि संविधान और कानून व्यवस्था को बंधक बना लिया गया है।
जेएमएम कार्यकर्ताओं का राजभवन मार्च
इधर, ईडी की कार्रवाई के खिलाफ जेएमएम की ओर से रांची में प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्य के कई जिलों के जेएमएम कार्यकर्ता रांची पहुंचे। रांची के मोरहाबादी मैदान में एकत्रित जेएमएम कार्यकर्ताओं ने राजभवन मार्च का प्रयास किया। लेकिन पहले से तैनात सुरक्षा बलों की ओर से उन्हें रोक दिया गया।
पिछले 24 घंटे में क्या हुआ?
हेमंत सोरेन कल दोपहर करीब 1 बजे अपने आवास से निकले और रात करीब 8:30 बजे वापस अपने आवास पहुंचे.आज सुबह करीब 7 बजे जब ईडी की टीम उनके आवास पर पहुंची तो हेमंत सोरेन अपने घर पर मौजूद नहीं थे. तब ईडी के 7 अधिकारियों की एक टीम झारखंड के सीएम के बारे में जानकारी लेने के लिए झारखंड भवन पहुंची. झारखंड भवन के कर्मचारियों से पूछा गया कि क्या सोरेन वहां रह रहे थे तो उन्होंने ‘नहीं’ में जवाब दिया. इस बीच सोरेन के आवास पर पहले से मौजूद 4 अधिकारियों की टीम ने हेमंत सोरेन के ड्राइवर से पूछताछ की.
बाबूलाल बोले- सीएम प्रोटोकॉल तोड़कर फ़रार
इधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ईडी के डर के मारे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले 18 घंटे से दिल्ली वाले मुख्यमंत्री आवास से फ़रार हो कर भूमिगत हो गये हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया सूत्रों के मुताबिक़ देर रात हेमंत जी हवाई चप्पल पहने हुए चादर से मुंह ढंककर चोर की तरह आवास से पैदल निकल कर भागे हैं। उनके साथ दिल्ली गया स्पेशल ब्रांच का सुरक्षाकर्मी अजय सिंह भी ग़ायब है। इन दोनों का मोबाईल भी बंद तब से उन्हें ईडी और दिल्ली पुलिस ढ़ूंढ़ रही है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के साथ इतनी बड़ी लापरवाही का कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता। बाबूलाल ने कहा कि कि इससे चिंताजनक और लज्जाजनक क्या हो सकता है कि संवैधानिक पद पर बैठा एक राज्य का मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर चोर-डकैत की तरह फ़रार हो जाय राज्य को भगवान भरोसे छोड़ दे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की फरारी में राज्य का नेतृत्वकर्ता कौन? यह संवैधानिक सवाल अहम है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन जी इसका संज्ञान लें और राज्य में विधि सम्मत क़ानून का राज क़ायम रखने के लिये समुचित कदम उठायें।
नौंवा समन किया था जारी
हेमंत सोरेन से पहले भी पूछताछ हो चुकी है और ईडी ने रांची में आठ घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किए थे. प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कुछ दिन पहले दसवां समन जारी कर उन्हें 29 या 31 जनवरी को पेश होने को कहा था. ये भी कहा था अगर वह पेश नहीं होंगे तो खुद ईडी की टीम उनसे पूछताछ के लिए पहुंचेगी.
लगातार कर रहे थे अनदेखी
प्रवर्तन निदेशालय ने 13 जनवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 8वां समन जारी कर उनसे 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच मामले में पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा था. इससे पहले वह 7वें समन पर ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. ईडी के समन का जवाब देते हुए सीएम सोरेन ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी 20 जनवरी को उनके आवास पर उनका बयान दर्ज कर सकती है.
झारखंड भूमि घाटाले का पूरा केस क्या है?
ईडी ने रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की अवैध खरीद फरोख्त का खुलासा किया था. केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में रांची के बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को गिरफ्तार किया था. उनके आवास और मोबाइल फोन से बड़ी मात्रा में सरकारी दस्तावेज बरामद हुए थे. इन दस्तावेजों की छानबीन और उनसे जुड़े तथ्यों के सत्यापन को लेकर ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है.
ईडी ने प्रदीप बागची, विष्णु कुमार अग्रवाल, भानु प्रताप प्रसाद और अन्य के खिलाफ झारखंड पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज की कई एफआईआर के आधार पर धन शोधन अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज करके तीन भूमि घोटालों की जांच शुरू की थी. इस मामले में जांच आगे बढ़ने पर ईडी अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. जांच में पता चला कि आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ साठगांठ करके भू.माफियाओं के पक्ष में फर्जी तरीके से इन भू.खंडों का हस्तानांतरण किया था.