: बिहार में मौजूदा महागठबंधन टूटने और एनडीए (NDA) की सत्ता में वापसी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. दरअसल, माना जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू एनडीए में वापसी करेगी और बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाएगी. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी अपने पास सीएम पोस्ट रखना चाहती है जबकि जेडीयू को डिप्टी सीएम का पद देना चाहती है. हालांकि नीतीश कुमार सीएम पद अपने पास रखना चाहते हैं. उधर, विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार चल रहा है. बताया जा रहा है कि बीच का रास्ता निकालने पर विचार किया जा रहा है.
अश्विनी चौबे समेत बीजेपी के नेता दिल्ली रवाना
इस सियासी हलचल के बीच बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली रवाना हो गए हैं. उनके अलावा अश्विनी चौबे भी दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. बता दें कि जेडीयू के नेता केसी त्यागी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, सम्राट चौधरी इंडिगो की फ्लाइट 6e 2483 से दिल्ली रवाना हुए हैं. वहीं, जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने नीतीश की निराशा की अफवाहों का खंडन किया. साथ ही दावा किया कि नीतीश के नेतृत्व में राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है.
बीजेपी से नजदीकी के कयास तेज
अगर नीतीश कुमार पाला बदलकर बीजेपी के साथ सरकार बनाते हैं तो यह बिहार के लिए कोई नई बात नहीं होगी क्योंकि बिहार में ऐसा प्रयोग वह पहले भी कर चुके हैं. लेकिन इस बार की टाइमिंग थोड़ी अलग है क्योंकि देश में जल्द लोकसभा चुनाव होने हैं. नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ तैयार की गई इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहे हैं और उसकी कई बैठकों में भी शामिल हुए हैं. हालांकि पिछली बैठक में जब उन्हें संयोजक बनाने का ऑफर दिया गया था तो उन्होंने वह प्रस्ताव ठुकरा दिया था. अब उनकी बीजेपी के साथ नजदीकी के कयास लगाए जा रहे हैं.
नीतीश कुमार के RJD से नाता तोड़ने की अटकलों के बीच लालू खेमे ने 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 8 और विधायकों को साधने की कवायद शुरू कर दी है. 243 सीटों वाली विधानसभा में फिलवक्त सीटों का गणित कुछ इस तरह है. राजद+कांग्रेस+लेफ्ट की सीटों को मिला लिया जाए तो 79+19+16 यानी 114 का नंबर बनता है. मतलब साफ है बहुमत के लिए 8 विधायकों की कमी है. लालू खेमा इन्हीं 8 विधायकों को साधने में जुट गया है.
वहीं, नीतीश कुमार अपने आवास पर जेडीयू के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. लालू जादुई आंकड़ा जुटा लें, इससे पहले ही नीतीश विधानसभा भंग कर सकते हैं.
सत्ता हासिल करने के लिए सीटों के समीकरण की बात करें तो जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के 4 विधायक हैं. AIMIM का 1 विधायक, एक निर्दलीय विधायक (सुमित सिंह) हैं. अगर लालू इन्हें भी साथ लेते हैं तो नंबर बनता है 120 का. अभी भी लालू को 2 विधायक और चाहिए. वहीं, सीएम हाउस के बाद राबड़ी आवास में भी हलचल तेज हो गई है. लालू से मुलाकात करने उनके करीबी भोला यादव और शक्ति सिंह यादव राबड़ी आवास पर पहुंचे हैं. उनके अलावा कुछ अन्य विधायक भी पहुंच रहे हैं.
तेजस्वी ने सबकुछ ठीक होने का किया था दावा
नीतीश कुमार ने जब जेडीयू की कमान पिछले महीने खुद अपने हाथ में ले ली थी तभी से ऐसी अटकलें चल रही थीं, हालांकि तब बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू ने इसे अफवाह बताया था. लेकिन जैसे-जैसे लोकसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे महागठबंधन के साथियों आरजेडी और जेडीयू के बीच दूरियां बढ़ गई हैं. कुछ दिन पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने पिता और आरजेडी चीफ लालू यादव के साथ नीतीश कुमार के आवास पर मिलने भी पहुंचे थे, तब उन्होंने यह दावा किया था सरकार में सबकुछ ठीक है और उन्हें बार-बार सफाई नहीं देनी है.
परिवारवाद पर सीएम का निशाना
हालांकि जैसे कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा हुई आरजेडी और जेडीयू के बीच का तनाव खुलकर सामने आ गया. नीतीश कुमार ने भारत रत्न दिए जाने के लिए आभार जताते हुए ट्वीट किया तो उसमें पीएम मोदी टैग नहीं थे, थोड़ी देर बाद उस ट्वीट को डिलीट कर दूसरा किया गया तो उसमें पीएम मोदी को टैग किया गया. इसने अटकलों को और हवा दी और जो बयान नीतीश कुमार ने परिवारवाद को लेकर दिया, उसको लेकर लालू यादव की बेटी ने भी उनपर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना मारा. दरअसल, नीतीश कुमार ने कहा था कि कर्पूरी ठाकुर ने कभी अपने परिवार के लिए कुछ नहीं किया और मैंने उनसे सीख लेकर परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. इसे आरजेडी पर अप्रत्यक्ष हमले के तौर पर देखा जा रहा था