तिरुअनंतपुरम ,8 दिसंबर :पूरे देश में इस वक्त पर्यटन के नजरिए से दक्षिण-पश्चिम के द्वीप समूह लक्षद्वीप को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। छोटे-छोटे 36 द्वीप समूह वाले लक्षद्वीप की खूबसूरती अमेरिका के हवाई और मालदीव से ज्यादा बताई जा रही है। लेकिन देश के सबसे सुंदर द्वीप समूह में से एक लक्षद्वीप पहुंचना अभी भी सामान्य लोगों के लिए बेहद कठिन है। क्योंकि लक्षद्वीप पहुंचने का गेटवे सिर्फ केरल का कोच्चि शहर ही है, जहां से फ्लाइट और शिप के माध्यम से लक्षद्वीप पहुंचा जा सकता है। देश में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने वाले अलग-अलग संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि अब लक्षद्वीप को देश की राजधानी दिल्ली समेत मुंबई कोलकाता और चेन्नई से भी सीधे तौर पर जोड़ा जाए। इसके अलावा लक्षद्वीप पहुंचने के लिए जिन अनुमतियों की आवश्यकता होती है, उसे भी सरल किया जाए। केंद्र सरकार और लक्षद्वीप प्रशासन पर्यटन को बढ़ावा देने की सभी संभावनाओं को और बेहतर करने की तैयारी में जुट गया है।
देशभर में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही इंडिया ट्रैवल मार्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय कहते हैं कि अभी भी लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है। उनका कहना है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित होने वाली घरेलू पर्यटन को प्रमोट करने वाली प्रदर्शनी में लक्षद्वीप को लेकर सैकड़ों लोग प्रश्न करते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर लोग बाद में अपना प्लान लक्षद्वीप की बजाय अंडमान निकोबार द्वीप समूह की ओर कर लेते हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि लक्षद्वीप जाने के लिए केरल के कोच्चि के सिवा देश से कहीं भी सीधी फ्लाइट नहीं है। अभी जिन लोगों को लक्षद्वीप जाना होता है, वह पहले केरल आते हैं, फिर कोच्चि से डेढ़ घंटे की फ्लाइट लेकर लक्षद्वीप जाते हैं। अजय कहते हैं कि लक्षद्वीप में भी सिर्फ एक ही एयरपोर्ट होने की वजह से बहुत ज्यादा फ्लाइट भी नहीं उतर सकती हैं। उनका कहना है लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहले तो यहां की देश के अलग-अलग हिस्सों से कनेक्टिविटी बेहद जरूरी है।
इंडिया टूर एंड ट्रेवल ऑपरेटर एसोसिएशन के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ाने की अपील की, उससे उनके पास लगातार लक्षद्वीप से संबंधित प्रश्न आ रहे हैं। संगठन के जतिन भल्ला कहते हैं कि लक्षद्वीप निश्चित तौर पर देश नहीं बल्कि दुनिया के सबसे खूबसूरत द्वीप समूहों में से एक है। उनका कहना है किसी भी पर्यटन स्थल के लिए जिन महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है, उसमें वहां होटल इंडस्ट्री, ट्रांसपोर्टेशन सुविधा के साथ-साथ कनेक्टिविटी बेहद महत्वपूर्ण होती है। जतिन कहते हैं कि लक्षद्वीप में अभी भी इन तीनों इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर करने की जरूरत है। क्योंकि प्रधानमंत्री की अपील के बाद जिस तरह से उनके पास लक्षद्वीप को लेकर प्रश्न पूछे जा रहे हैं, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में लक्षद्वीप में पर्यटन बहुत ज्यादा बढऩे वाला है। इसलिए प्रशासन और केंद्र सरकार को वहां की बुनियादी सुविधाओं को पर्यटकों के लिहाज से और मजबूत करने की आवश्यकता है।
टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के मुताबिक लक्षद्वीप जाने के लिए अभी भी कुछ विशेष परमिट की आवश्यकता पड़ती है। इनमें से कुछ परमिट को केरल के कोच्चि में ही मंजूरी दी जाती है। वह कहते हैं कि टूरिज्म को बहुत सुगम बनाने के लिए जो भी व्यवस्थाएं हैं, उनके मल्टीप्ल चैनल और बड़े शहरों में सिंगल विंडो कॉन्सेप्ट होना चाहिए। ताकि सरकार की नीतियों के मुताबिक प्राप्त किए जाने वाले अनुमति पत्र के लिए पर्यटकों को बेवजह परेशान भी ना होना पड़े। लक्षद्वीप के कवरत्ती स्थित टूर ऑपरेटर नसीब अली ने अमर उजाला को फोन पर बताया कि अगर लक्षद्वीप में पर्यटक बढ़ते हैं, तो यहां पर होटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की जरूरत होगी। अली कहते हैं कि पूरे लक्षद्वीप में कोई भी फाइव स्टार होटल नहीं है। इसके अलावा लक्षद्वीप की देश के अलग-अलग हिस्सों से कनेक्टिविटी की लंबे समय से मांग भी होती आई है। वह कहते हैं जिस तरीके से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी है, इसी तरह लक्षद्वीप को भी कनेक्ट होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ाने की अपील के बाद लक्षद्वीप प्रशासन और पर्यटन मंत्रालय ने भी आने वाले दिनों में पर्यटकों के लिहाज से सुविधाओं और व्यवस्थाओं को बेहतर करने की तैयारी शुरू कर दी है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि ‘देखो अपना देश’ योजना के तहत लक्षद्वीप में पर्यटकों के लिहाज से सुविधाएं भी बेहतर हो रही हैं। इसके अलावा मंत्रालय के पास लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जो सुझाव पहुंच रहे हैं, उन्हें भी अमल में ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में लक्षद्वीप को देश के अन्य प्रमुख हवाई मार्गो से भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा शिप से भी समुद्री तटों पर बसे पश्चिम राज्यों के प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी सुगम की जाएगी। वह कहते हैं कि रही बात राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधाओं को बढ़ाने की, तो लक्षद्वीप प्रशासन इस दिशा में लगातार काम कर रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक इस खूबसूरत द्वीप समूह को आकर एक्सप्लोर कर सकें।